उत्तर भारतीयों के उत्पीड़न पर एकजुट है रामनगरी
रामनगरी उत्तर भारतीयों के उत्पीड़न पर एकजुट है। यह सच्चाई मनसे प्रमुख राज ठाकरे की पांच जून को प्रस्तावित अयोध्या यात्रा के विरोध से परिभाषित हो रही है। विरोध का नेतृत्व कर रहे भाजपा सांसद एवं कुश्ती संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजभूषणशरण सिंह ने लगातार दूसरे दिन राज के विरोध में संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया।
अयोध्या : रामनगरी उत्तर भारतीयों के उत्पीड़न पर एकजुट है। यह सच्चाई मनसे प्रमुख राज ठाकरे की पांच जून को प्रस्तावित अयोध्या यात्रा के विरोध से परिभाषित हो रही है। विरोध का नेतृत्व कर रहे भाजपा सांसद एवं कुश्ती संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजभूषणशरण सिंह ने लगातार दूसरे दिन राज के विरोध में संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया। हनुमतनिवास मंदिर में विशेष किस्म की माला और उत्तरीय के साथ सांसद का स्वागत करते हुए महंत मिथिलेशनंदिनीशरण कहते हैं कि सरयू पार के ही रहने वाले बृजभूषण सिंह की छात्र जीवन से ही अयोध्या के प्रति आत्मीयता सर्वविदित है, कितु आज उनका स्वागत सत्य और न्याय के लिए है। वह स्पष्ट करते हैं कि श्रीराम से अनुप्राणित अयोध्या सभी शरणागत का स्वागत करती है, कितु राज तो उत्तर भारतीयों के प्रति हिसा के लिए क्षमा मांगने और प्रायश्चित करने की बजाय अहंकार से भरे लग रहे हैं। राज के विरोध में बृजभूषण सिंह को कुछ ऐसा ही भाव भरा समर्थन बजरंगबली की प्रधानतम पीठ हनुमानगढ़ी से मिलता है। शीर्ष महंत ज्ञानदास बृजभूषण सिंह के साथ बाबरी मस्जिद के मुद्दई रहे इकबाल अंसारी का हाथ उठा आशीर्वाद देते हैं, जिसमें यह संदेश निहित होता है कि राज के विरोध में सीमाएं मिट रही हैं। दशरथगद्दी के महंत बृजमोहनदास अपनी प्रतिभा के अनुरूप गीत-संगीत से राज को ललकारते हैं और सांसद उन्हें प्रशंसित करते हैं। थोक के भाव में संतों के अलावा बाघी मंदिर में समाजसेवी विकास श्रीवास्तव और जगदीशपुर मंदिर में व्यवसायी अंजनी गर्ग उनका स्वागत करते हैं, तो वह अयोध्या के विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए पंडा समाज के प्रतिनिधियों से लेकर आम लोगों तक से उत्तर भारतीयों की अस्मिता साझा करते हैं। इस अस्मिता को झिझोड़ने में लगे बृजभूषण सिंह अपने तई कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं और शुक्रवार को देर शाम तक वह अशर्फीभवन पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी श्रीधरार्य, उदासीन ऋषि आश्रम के महंत डा. भरतदास, बावन मंदिर के महंत वैदेहीवल्लभशरण सहित 25 से अधिक महंतों के साथ तकरीबन पूरी अयोध्या को राज के विरोध में खड़ा करते नजर आए।