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रामनगरी अयोध्या में छिड़ा नया राग, राम मंदिर से पहले राष्ट्र मंदिर

अयोध्या में राममंदिर के लिए अनुष्ठान प्रदर्शन का सिलसिला बीते पांच-छह दिनों से पुलवामा के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने और इस घटना का बदला लेने के संकल्प में तब्दील हो गया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 12:29 PM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 12:29 PM (IST)
रामनगरी अयोध्या में छिड़ा नया राग, राम मंदिर से पहले राष्ट्र मंदिर
रामनगरी अयोध्या में छिड़ा नया राग, राम मंदिर से पहले राष्ट्र मंदिर

अयोध्या [रघुवरशरण]। कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले ने रामनगरी का एजेंडा बदल दिया है। बीते हफ्ते तक राममंदिर के लिए बेकरार रामनगरी अब राष्ट्रमंदिर के निर्माण का संकल्प ले रही है।

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अयोध्या में राममंदिर के लिए आए दिन अनुष्ठान, प्रदर्शन का सिलसिला बीते पांच-छह दिनों से पुलवामा के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने और इस घटना का बदला लेने के संकल्प में तब्दील हो गया है। साधु-संतों से लेकर विभिन्न संगठन हवन-पूजन, प्रदर्शन आदि के माध्यम से अपने संकल्प का इजहार कर रहे हैं।

कोर्ट में दशकों से मंदिर के लिए पैरोकारी करने वाले पौराणिक महत्व की पीठ नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास ने कल शहीद जवानों के नाम कैंडल जलाई तो अगले दिन श्रद्धांजलि सभाकर राष्ट्रीय एकता का आह्वान करते हुए पुलवामा का बदला लेने की मांग की।

राममंदिर शिलान्यास के लिए शनिवार को रामाग्रह यात्रा लेकर अयोध्या आने का एलान करने वाले शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने पुलवामा हमले का वास्ता देकर अपनी यात्रा स्थगित कर दी। तपस्वीजी की छावनी के महंत परमहंसदास कुछ माह पूर्व तक मंदिर के लिए तेजाबी आग्रह के चलते सरकार के लिए चुनौती बने हुए थे। बीते वर्ष एक से 12 अक्टूूबर तक उन्होंने अनशन किया और छह दिसंबर को मंदिर निर्माण के लिए आत्मदाह का एलान कर सरकार के माथे पर बल पैदा कर दिया। गिरफ्तारी और 20 दिन तक कारागार में रहने के चलते वे आत्मदाह तो नहीं कर सके पर मंदिर निर्माण को लेकर कुछ भी कर गुजरने का उनका इरादा अडिग बना रहा। पुलवामा की घटना से उनका भी एजेंडा बदल गया।

उन्होंने पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मंदिर के लिए हम इंतजार कर लेंगे पर पुलवामा के बदले की प्रतीक्षा असह्य हो रही है। प्रतिष्ठित पीठ रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमार दास के अनुसार राममंदिर और राष्ट्रमंदिर एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और हम दोनों की प्रतिष्ठा के लिए प्रतिबद्ध हैं और यह तभी संभव होगा, जब पुलवामा के दोषियों को कड़ा से कड़ा सबक सिखाया जाय।


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