रामनगरी में मंदिर आंदोलन के ज्वार की आहट
रघुवरशरण, अयोध्या : रामनगरी में मंदिर आंदोलन का ज्वार वापस लौटने की आहट गूंजने लगी ह
रघुवरशरण, अयोध्या : रामनगरी में मंदिर आंदोलन का ज्वार वापस लौटने की आहट गूंजने लगी है। हालांकि इसमें ढाई से दो दशक पूर्व वाली तल्खी नहीं है पर मंदिर को लेकर उसी तरह की दावेदारी है। मंदिर समर्थक संतों-महंतों के साथ भगवा विरासत से जुड़े राजनीतिज्ञ मंदिर निर्माण के लिए खम ठोंक रहे हैं। ..तो अयोध्या से दिल्ली तक लाखों मंदिर समर्थकों को जुटाने का एलान किया जा रहा है। इस परि²श्य का रिहर्सल यदि विहिप के बागी नेता डॉ. प्रवीण तोगड़िया के गत 23 अक्टूबर के शो से हुआ, तो बदलते परि²श्य की असली झलक 24 से 25 नवंबर के बीच मिलेगी। 24 को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मंदिर के लिए कानून बनाने की मांग के साथ रामनगरी पहुंच रहे हैं। दो दिवसीय अयोध्या प्रवास के पहले दिन उद्धव मंदिर आंदोलन की आत्मा माने जाने वाले 1100 संतों-महंतों एवं सनातन परंपरा के विद्वानों का पूजन एवं सम्मान करेंगे, तो अगले दिन यानी 25 नवंबर को वे रामलला का दर्शन करेंगे। इसी के साथ ही शिवसेना की वह विरासत लहकेगी, जिसमें इस संगठन पर ढांचा ध्वंस की जिम्मेदारी मुकर्रर की जाती है। इस मौके पर केंद्र एवं महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के नुमाइंदों सहित पूरे देश से शिवसैनिकों का प्रवाह रामनगरी की ओर उन्मुख होगा। मंदिर आंदोलन को शिखर का स्पर्श दे चुकी विश्व ¨हदू परिषद भी नए सिरे से अंगड़ाई ले रही है। इसकी तस्दीक 25 नवंबर को ही होगी, जब बड़ा भक्तमाल मंदिर की बगिया में प्रस्तावित धर्मसभा के दौरान मंदिर समर्थक उमडे़ंगे। आयोजक धर्मसभा में एक लाख मंदिर समर्थकों को जुटाने का लक्ष्य लेकर सक्रिय हैं। समझा जाता है कि मंदिर के समर्थन का यह उभार ढांचा ध्वंस की 26वीं बरसी यानी छह दिसंबर को विहिप के ही संयोजन में प्रस्तावित विजय दिवस तक बयां होगी, तो ध्वंस की बरसी के चौथे दिन विहिप के ही संयोजन में दिल्ली में धर्मसभा प्रस्तावित है। विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय के अनुसार दिल्ली की धर्मसभा में पांच लाख मंदिर समर्थकों को जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। समाजसेवी एवं शिवसेना प्रमुख के अयोध्या आगमन कार्यक्रम का संयोजन कर रहे अमरनाथ मिश्र कहते हैं, मंदिर के हक में उभर रहे ज्वार को लेकर ¨चतित होने की बजाय गौरवान्वित होने की आवश्यकता है। क्योंकि इन कार्यक्रमों से जहां भगवान राम की जन्मभूमि के प्रति अपार समर्थन की सच्चाई बयां होगी, वहीं यह भी साबित होगा कि आज पूरे देश में रामभक्तों की सरकार है और वह राममंदिर के प्रति अपनत्व-आत्मीयता से परिपूर्ण है।