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स्वरूपानंद के आह्वान को लेकर संशय में रामनगरी

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By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 11:30 PM (IST)Updated: Fri, 15 Feb 2019 11:30 PM (IST)
स्वरूपानंद के आह्वान को लेकर संशय में रामनगरी
स्वरूपानंद के आह्वान को लेकर संशय में रामनगरी

अयोध्या : मंदिर विवाद को लेकर सियासत के केंद्र में रहने वाली रामनगरी पर एक बार फिर पाबंदियों के बीच संशय के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने 21 फरवरी को अधिग्रहीत परिसर में राम मंदिर का शिलान्यास करने की घोषणा की है। घोषणा के मुताबिक वे प्रयाग से 17 फरवरी को रामाग्रह यात्रा लेकर अयोध्या पहुंचेंगे और राम मंदिर का शिलान्यास करेंगे। सुप्रीमकोर्ट ने अधिग्रहीत परिसर में कार्यक्रमों पर रोक लगा रखी है। ऐसे में सुरक्षा तंत्र के सामने सबसे बड़ी चुनौती संत व उनके अनुयाइयों से निपटने के साथ-साथ न्यायालय के आदेश का अनुपालन कराने की भी होगी। अभी तक के कार्यक्रम के मुताबिक 19 फरवरी को स्वामी स्वरूपानंद अयोध्या पहुंच जाएंगे। 20 फरवरी को अयोध्या में सभा करेंगे और 21 फरवरी को शिलान्यास। हालांकि इस कार्यक्रम को लेकर अभी तक जिला प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई है। स्वरूपानंद के समर्थक अंदर ही अंदर कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रयासरत हैं, वहीं सुरक्षा तंत्र भी अपनी तैयारी को पुख्ता करने में जुट गया है। गत 24 और 25 नवंबर को विहिप और शिवसेना के आयोजन को लेकर पाबंदियां झेल चुकी रामनगरी इस आयोजन को लेकर भी सशंकित है। पुलिस की तैयारियां भी ऐसी हैं कि अधिग्रहीत परिसर के निकट प¨रदा भी पर न मार सके। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार स्वामी स्वरूपानंद के आह्वान को लेकर अयोध्या में कड़ा पहरा रहेगा। अधिग्रहीत परिसर के भीतर व उससे सटे इलाके में गैर परंपरागत आयोजनों पर नकेल की तैयारी शुरू हो चुकी है। अतिरिक्त फोर्स की डिमांड भी कर दी गई है। जिला मजिस्ट्रेट की ओर से धारा 144 पहले से ही लागू है। सुरक्षातंत्र भी बेहद सतर्क है। सुरक्षा व निगरानी की अपनी रणनीति को पोशीदा रखते हुए तैयारी चल रही है। एक पुलिस अधिकारी की मानें तो अधिग्रहीत परिसर की ओर किसी भी हाल में भीड़ अथवा गैर परंपरागत आयोजन के मकसद से जाने वालों के रोका जाएगा। ऐसे में टकराव की आशंका जाहिर की जा रही है। सीओ अयोध्या अमर ¨सह का कहना है कि कार्यक्रम की कोई अनुमति अभी तक नहीं ली गई है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया जाएगा।

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