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रेलवे की लापरवाही से लटका ओवरब्रिज का निर्माण

रुदौली (अयोध्या) धन है। जमीन है। कोई अवरोध भी नहीं फिर भी ओवरब्रिज का निर्माण अधूरा है। रेलवे तकनीकी समस्या बता रहा है तो सेतु निगम रेलवे के कार्य पूर्ण होने का इंतजार कर रहा है। दो वर्ष से अधिक समय से टू लेन का उपरिगामी सेतु निर्माणाधीन है। कार्य पूर्ण होने की समयावधि छह माह पहले ही बीत चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 10:34 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 10:34 PM (IST)
रेलवे की लापरवाही से लटका ओवरब्रिज का निर्माण
रेलवे की लापरवाही से लटका ओवरब्रिज का निर्माण

रुदौली (अयोध्या) : धन है। जमीन है। कोई अवरोध भी नहीं, फिर भी ओवरब्रिज का निर्माण अधूरा है। रेलवे तकनीकी समस्या बता रहा है तो सेतु निगम रेलवे के कार्य पूर्ण होने का इंतजार कर रहा है। दो वर्ष से अधिक समय से टू लेन का उपरिगामी सेतु निर्माणाधीन है। कार्य पूर्ण होने की समयावधि छह माह पहले ही बीत चुकी है।

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रेलवे ने अपना कार्य नहीं शुरू किया है। सेतु निगम ने जरूर 70 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया है। कार्य शुरू होने के साथ ही कार्यदायी संस्था की कच्छप गति से यह निश्चित हो गया था कि समय पर कार्य पूरा होना मुश्किल है। चार माह में रेलवे महज एक पिलर का गड्ढा ही खोद सका है।

सरकार धन भी लगातार आवंटित कर रही है, फिर भी कार्य रफ्तार नहीं पकड़ सका। लगभग 35 करोड़ रुपये से बनने वाले ओवरब्रिज में अब तक 25 करोड़ रुपये शासन की तरफ से निर्गत किए जा चुके हैं। सेतु निगम को लगभग 19 करोड़ व रेलवे को लगभग छह करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं। सेतु निगम को दो पिलर बनाने शेष हैं। मौजूदा कार्य की गति से अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले वर्ष अगस्त तक कार्य पूरा हो पाएगा। ----------------- डिप्टी सीएम का मान नहीं रख पाए अफसर -शिलान्यास समारोह में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने लोकसभा चुनाव से पहले कार्य पूरा करने का भरोसा जनता को दिया था और सेतु निगम के अभियंताओं को त्वरित कार्य की हिदायत, लेकिन मातहत उनकी बात का मान तक नहीं रख सके। ------------------ फैक्ट फाइल शिलान्यास - 13 अक्टूबर 2017

कार्य पूर्णावधि - मार्च 2019

लंबाई - एक हजार 35 मीटर

चौड़ाई -साढ़े सात मीटर

कुल पिलर -24

लागत -35 करोड़

रेलवे का कार्य- क्रासिग के दोनों तरफ 80-80 मीटर

पिलर का गड्ढा-सवा दस मीटर वर्गाकार

कार्यदायी संस्था : सेतु निगम व रेलवे

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''धन की कोई कमी नहीं है। तकनीकी समस्या है। वाटर लेबल ऊपर हैं। पानी निकाला जा रहा है। जलस्तर नीचे होने पर कार्य शुरू किया जाएगा।

-बनवारीलाल गुप्त, अधिशासी अभियंता रेलवे

------------------------ ''सेतु निगम 80 प्रतिशत कार्य पूरा कर चुका है। रेलवे अपना कार्य पूरा करके दें, फिर सेतु निगम दोनों ओवरब्रिज को जोड़ देगा।

- रिजवान अहमद, एसडीओ सेतु निगम


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