बर्खास्त कर्मियों को भेजी गई नोटिस पर उठे सवाल
एक जून से अब तक ड्यूटी पर न आने वाले 30 और कर्मियों को भेजी गई नोटिस
अयोध्या: परिवहन निगम के नियम-कायदे सबसे अलग हैं। निगम ने बर्खास्त कर्मियों को नोटिस भेजने का अलग ही तरीका ढूंढ़ निकाला और उसे डिपो के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करवा कर कर्तव्यों की इतिश्री कर दी। जो नोटिस आरोपी कर्मियों के हाथों तक पहुंचनी चाहिए थी, वह डिपो के नोटिस बोर्ड की शोभा बढ़ा रही है। ऐसे ही 30 और कर्मियों को निगम ने नोटिस भेजी है। ये वह कर्मी हैं, जिन्होंने एक जून के बाद अब तक ड्यूटी नहीं ज्वाइन की है। यह नोटिस भी अयोध्या डिपो के नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर निगम अधिकारियों ने मान लिया कि नोटिस संबंधित कर्मी को सर्व करवा दी गई।
अयोध्या डिपो के एक होम क्वरंटाइन कर्मी समेत छह कर्मियों ने लॉकडाउन अवधि में ड्यूटी नहीं ज्वाइन की। वरिष्ठ केंद्र प्रभारी गीता सिंह की रिपोर्ट पर एआरएम ने बिना प्रारंभिक जांच और कर्मियों को सुने बगैर ही बर्खास्त कर दिया। कर्मियों को इस बाबत नोटिस भेजे जाने की बात कही गयी। बर्खास्त कर्मी तपस्यानंद, दुर्गेश, संजय आदि ने बताया कि उनके पास न तो कोई फोन आया और न ही कोई नोटिस सर्व की गई। इसी के बाद नोटिस भेजे जाने की प्रक्रिया पर सवाल उठने लगा। निगम के पूर्व वरिष्ठ लेखाकार और इंप्लाइज यूनियन के क्षेत्रीय मंत्री विमलेश अवस्थी का कहना है कि नोटिस का मतलब होता है संबंधित के हाथों तक पहुंचना, न कि नोटिस बोर्ड पर चस्पा कराना।
पूर्व सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक कार्मिक अश्वनी श्रीवास्तव ने बताया कि नोटिस को नोटिस बोर्ड पर चस्पा करवाना अंतिम विकल्प है न कि प्रथम। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक महेश कुमार ने बताया कि कर्मियों को दी गई नोटिस को नोटिस बोर्ड पर ही चस्पा करवा दिया गया था, जिससे अन्य सहयोगियों के माध्यम से उन तक सूचना पहुंच जाए। उन्होंने बताया कि बर्खास्त कर्मियों के विषय में अब आरएम स्तर से निर्णय लिया जाएगा।