अयोध्या आईं प्रियंका तो पैदा होगी सियासी हलचल
अयोध्या कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा अयोध्या आईं तो सियासी हलचल पैदा हो सकती है। वे यहां 23 फरवरी को आ सकती हैं। इसी दिन उनका अयोध्या होते हुए पड़ोसी जिले बस्ती जाने का कार्यक्रम प्रस्तावित है। कांग्रेसी उनके कार्यक्रम को सियासी संदेश छोड़ने के लिहाज से प्रभावी बनाने की जुगत में जुटे हैं।
अयोध्या : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा अयोध्या आईं तो सियासी हलचल पैदा हो सकती है। वे यहां 23 फरवरी को आ सकती हैं। इसी दिन उनका अयोध्या होते हुए पड़ोसी जिले बस्ती जाने का कार्यक्रम प्रस्तावित है। कांग्रेसी उनके कार्यक्रम को सियासी संदेश छोड़ने के लिहाज से प्रभावी बनाने की जुगत में जुटे हैं।
माना जा रहा है कि वे सामूहिक दुष्कर्म के बाद ट्रेन से कट कर आत्महत्या करने को विवश हुई किशोरी के परिवारजनों से मुलाकात कर सकती हैं। यह घटना सामने आने के बाद पार्टी की सक्रियता उनके इरादे का संकेत दे रही है। रविवार को कांग्रेस का उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल कांग्रेस अनुसूचित विभाग के चेयरमैन पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी, प्रभारी प्रदीप नरवाल, प्रदेश महासचिव आलोक प्रसाद पासी, पूर्व विधायक रामसजीवन निर्मल की अगुआई में यहां पहुंचा तो प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू सोमवार को सुबह ही यहां पहुंचे। जाहिर सी बात है कि यह अलानाहक नहीं है। जानकार इसे प्रियंका गांधी वाड्रा के 23 फरवरी को इधर से गुजरने के दौरान पीड़ित परिवार से मुलाकात की कवायद से जोड़कर देख रहे हैं।
यूं तो कांग्रेस महासचिव अपने प्रदेश व्यापी दौरे में पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह के संयोजन में बस्ती जिले में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत के लिए इधर से गुजरेंगी, पर अयोध्या जिला भी उनके आगमन के केंद्र में रह सकता है। इसकी तैयारी कांग्रेसी इसलिए गुपचुप तरीके से कर रहे हैं, ताकि प्रशासन धारा 144 की आड़ लेकर कोई बाधा न खड़ी कर सके। उनका रामनगरी में पीड़ित के घर जाना भाजपा नेतृत्व को असहज कर सकता है।
प्रदेश सचिव प्रदीप कोरी स्वीकार करते हैं कि प्रियंका गांधी को अयोध्या में गत दिवस हुए सामूहिक दुष्कर्म के बाद अनुसूचित समुदाय की किशोरी के आत्महत्या प्रकरण से अवगत कराया गया है। उसके बाद यहां प्रतिनिधिमंडल एवं प्रदेश अध्यक्ष का आगमन हुआ है। यह मसला विधानसभा में उठाया जाएगा।