मिल्कीपुर की उधैला झील को बर्ड सेंचुरी बनाने की तैयारी
मिल्कीपुर तहसील की उधैला झील को पक्षी विहार घोषित
अयोध्या : मिल्कीपुर तहसील की उधैला झील को पक्षी विहार घोषित करने की तैयारी अंतिम चरण में है। विधान परिषद में उधैला झील को पक्षी विहार घोषित किए जाने के प्रस्ताव की समीक्षा से सरकारी हलके की तेजी देखने लायक है। विधान परिषद का यह प्रस्ताव पुराना है। प्रस्ताव के उसी क्रम में कार्रवाई कितनी आगे बढ़ी है, विधान परिषद की विनियमन समीक्षा समिति बुधवार को बैठक कर इसकी समीक्षा करेगी।
समिति के समक्ष जिलाधिकारी अनुज कुमार झा की रिपोर्ट के साथ पेश होने के लिए डिप्टी कलेक्टर लवकुमार सिंह को भेजा जा रहा है। उससे पहले मिल्कीपुर एसडीएम से झील के कब्जा संबंधी सत्यापन की रिपोर्ट मंगाई गई जिसमें कब्जा न होने समेत कई बिदुओं का उल्लेख है। समीक्षा बैठक ने वन विभाग में भी हलचल बढ़ाई है। वन विभाग इसे पक्षी विहार घोषित करने के लिए प्रस्ताव शासन भेज रहा है। प्रभागीय वनाधिकारी मनोजकुमार खरे के अनुसार उधैला झील को पक्षी विहार घोषित कराने का प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है। अगले सप्ताह तक इसे शासन भेज दिया जाएगा। उनके अनुसार पक्षी विहार घोषित होने के बाद यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हो जाएगा।
बड़ी तादाद में प्रवासी पक्षी भी यहां आते हैं। उनकी सुरक्षा भी बढ़ जाएगी। पक्षियों को संरक्षित करने के लिए वाचर समेत कई कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। शासन की मंजूरी के बाद जिले का यह पहला पक्षी विहार होगा। झील का क्षेत्रफल लगभग 75 हेक्टेयर है। 3330 मीटर लंबाई है। यह झील अंजरौली, उधई, डीली गिरधर,महुलारा व कुंदुनाखुर्द राजस्व गांव तक फैली है। डीली गिरधर के पूर्व प्रधान भभूती प्रसाद ने पक्षी विहार घोषित कराने के प्रस्ताव का स्वागत किया है। उनके अनुसार करीब 25 वर्ष पुरानी मांग अब साकार होती दिख रही है।