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राम मंदिरः अनशन तोड़ने के 24 घंटे भीतर ही महंत परमहंस ने दी आत्मदाह की चेतावनी

अयोध्या की तपस्वी जी छावनी के महंत परमहंस दास ने लोकसभा चुनाव से पूर्व मंदिर निर्माण का मार्ग प्रश्स्त नहीं होने पर असहयोग आंदोलन छेड़ने और आत्मदाह करने की चेतावनी दी है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 13 Oct 2018 05:30 PM (IST)Updated: Sun, 14 Oct 2018 11:13 PM (IST)
राम मंदिरः अनशन तोड़ने के 24 घंटे भीतर ही महंत परमहंस ने दी आत्मदाह की चेतावनी
राम मंदिरः अनशन तोड़ने के 24 घंटे भीतर ही महंत परमहंस ने दी आत्मदाह की चेतावनी

फैजाबाद (जेएनएन)। अयोध्या स्थित आश्रम तपस्वी जी की छावनी के महंत स्वामी परमहंस दास ने आज अपने अयोध्या आश्रम पहुंचे गए हैं। यहां उन्होंने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पूर्व मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद जताई है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो वह असहयोग आंदोलन छेड़ देंगे। यदि उस पर भी सरकार नहीं मानी तो वह आत्मदाह कर लेंगे।

इस दौरान आश्रम की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। आश्रम छावनी में तब्दील नजर आ रहा है। गौरतलब है कि परमहंस दास एक अक्टूबर से अपने आश्रम के सामने ही अनशन पर थे। सात अक्टूबर देर रात पुलिस उन्हें उठाकर पीजीआइ अस्पताल ले गई थी जहां पांच दिनों से उनका इलाज चल रहा था। परमहंस दास को शनिवार को लखनऊ से अपने अयोध्या पहुंचना था।

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शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथ से जूस पीकर तपस्वीजी की छावनी के महंत परमहंसदास ने 12 दिनों से जारी आमरण अनशन समाप्त कर दिया पर राममंदिर निर्माण को लेकर उनकी प्रतिबद्धता में कोई कमी नहीं आई है। आठ अक्टूबर से पीजीआइ में भर्ती महंत परमहंसदास शनिवार को अपराह्न इलाकाई विधायक वेदप्रकाश गुप्त के साथ अपने आश्रम पहुंचे। इस दौरान मीडिया से मुखातिब परमहंसदास ने उम्मीद जताई कि अगले डेढ़ माह में रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा और यह उम्मीद फलीभूत न होने पर उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए एक दिसंबर से असहयोग आंदोलन शुरू करने का एलान किया। 

परमहंसदास ने स्पष्ट किया कि वे राष्ट्रभक्त एवं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के उपासक हैं और उनका असहयोग आंदोलन भी पूरी तरह से मर्यादित, अहिंसक, शांतिपूर्ण  एवं देश को किसी प्रकार की क्षति पहुंचाने वाला नहीं होगा। उन्होंने यह चेतावनी दी कि यदि आगामी लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पूर्व मंदिर का निर्माण नहीं सुनिश्चित हुआ तो वे आत्मदाह भी करेंगे। इस बीच उन्होंने मुख्यमंत्री के रुख की सराहना की। कहा, मुख्यमंत्री ने अनशन समाप्त कराने के लिए उनके प्रति जिस सदाशयता का परिचय दिया है, उससे लगता है कि उनके मन में संतों एवं राममंदिर के प्रति गहन आदर है।

कब-क्या हुआ 

  • एक अक्टूबर से परमहंसदास अनशन पर बैठे ।
  •  आठ अक्टूबर को एसजीपीजीआइ लखनऊ में भती कराया गया था।
  • 12 अक्टूबर की शाम मुख्यमंत्री ने खत्‍म कराया अनशन। 
  • 13 अक्टूबर की  दोपहर 12 बजे स्थानीय विधायक वेदप्रकाश गुप्ता के साथ अपने आश्रम पहुंचे। 

परमहंसदास ने मंदिर निर्माण को लेकर राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री से भेंट कराने संबंधी आश्वासन के लिए मुख्यमंत्री के रुख को स्वागतयोग्य बताया। उन्होंने इलाकाई विधायक वेदप्रकाश गुप्त के प्रयास को भी सकारात्मक बताया। शुक्रवार को मध्यस्थ की भूमिका में विधायक ने ही परमहंसदास की मुख्यमंत्री से भेंट सुनिश्चित कराई। इस मौके पर भाजपा से जुड़े महंत अर्जुनदास, भाजपा की प्रदेशीय कार्यसमिति के सदस्य अभिषेक मिश्र, भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष संजय शुक्ल एवं डॉ. राकेशमणि त्रिपाठी, महासचिव प्रतीक श्रीवास्तव, कुश्ती संघ के जिलाध्यक्ष घनश्याम पहलवान, विधायक के पुत्र अमल गुप्त, शैलेंद्रमोहन मिश्र, लालजी मिश्र, सांसद प्रतिनिधि दुर्गाप्रसाद पांडेय, पार्षद अनुजदास, पार्षद प्रतिनिधि अभय श्रीवास्तव आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। 


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