चुनावी समर के लिए पुराने योद्धा ही भर रहे हुंकार
अधिकांश मोर्चों पर पूर्व के ही प्रतिद्वंदी मुकाबले की तैयारी में
अयोध्या (रघुवरशरण): चुनावी समर के लिए पुराने योद्धा ही हुंकार भर रहे हैं। जिले में पांच विधानसभा सीटें हैं। गत चुनाव में सभी सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी। इस चुनाव में भी उम्मीदवारी की सूची में सिटिग विधायक ही आगे हैं। गोसाईंगंज विधानसभा सीट से पिछला चुनाव जीतने वाले इंद्रप्रताप तिवारी खब्बू इन दिनों जेल में हैं और उनके चुनाव न लड़ पाने की स्थिति में उनकी पत्नी आरती तिवारी का नाम उम्मीदवारी की सूची में सबसे ऊपर है। जबकि गत विधानसभा चुनाव में उनके पति को चुनौती देने वाले सपा के अभय सिंह का नाम इस बार भी सपा से तय माना जा रहा है। गत विधानसभा चुनाव में 77 हजार 966 मत प्राप्त कर उन्होंने कड़ी टक्कर दी थी। बीकापुर, मिल्कीपुर और रुदौली सीट पर भी उम्मीदवारी की दौड़ में सिटिग विधायक और उनके पूर्व प्रतिद्वंदी ही प्रमुख रूप से शामिल हैं। मिल्कीपुर से गत चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के तौर पर गोरखनाथ बाबा ने सात बार विधायक रहे तत्कालीन प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अवधेश प्रसाद को पराजित किया था। इस बार भी चुनावी समर के लिए यह दोनों सूरमा तैयारी कर रहे हैं। रुदौली की जनसंख्या संरचना भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण है। इसके बावजूद रामचंद्र यादव लगातार दो बार से भाजपा के टिकट पर विधायक चुने जा रहे हैं। गत चुनाव में उन्होंने 90 हजार से अधिक मत प्राप्त कर शानदार जीत दर्ज की थी। इस बार भी भाजपा से उनका टिकट निरापद माना जा रहा है। बीकापुर की तस्वीर अपवाद है। हालांकि यहां भी पुराने चेहरे बिसात पर हैं। गत चुनाव में 67 हजार से अधिक मत पाने के बाद हार का सामना करने वाले आनंदसेन यादव के बारे में बताया जा रहा है कि वह सपा प्रत्याशी के तौर पर चुनावी समर में उतरेंगे तो, कितु इस बार बीकापुर की जगह जिला की एक अन्य सीट पर जोर आजमाइश करेंगे। जबकि बीकापुर की वर्तमान विधायक शोभा सिंह स्वयं के बजाय अपने बेटे अमित सिंह के लिए भाजपा नेतृत्व से टिकट मांग रही हैं। अयोध्या सीट पर भी बड़ा परिवर्तन होते-होते रह गया और एक बार पुन: 2017 के प्रतिद्वंदी आमने-सामने होंगे। गत सप्ताह अयोध्या सीट से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुनाव लड़ने की संभावना क्षीण होने के बाद भाजपा में प्रत्याशी को लेकर एकाएक शून्यता छा गई और विकल्प के रूप में कई नाम कुलांचे भर रहे हैं। हालांकि विधायक वेदप्रकाश गुप्त के दावे को गंभीर माना जा रहा है। गत चुनाव में उन्होंने एक लाख सात हजार से अधिक मत प्राप्त हुए थे। ..तो उनके मुकाबले के लिए सपा से तेजनारायण पांडेय पवन वार्मअप हो रहे हैं। हिदुत्व की धुरी अयोध्या से मोदी लहर के बावजूद 57 हजार मत प्राप्त करने वाले पांडेय भगवा गढ़ में भाजपा को चुनौती देने के एकमेव विकल्प बनकर उभरे हैं। वह 2012 में भगवा दुर्ग दरकाने में कामयाब भी रह चुके हैं। तब उन्होंने जीत की डबल हैट्रिक पूरी करने उतरे भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह को पराजित किया था। इसके बदले तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्यमंत्री बनाकर पांडेय को पुरस्कृत भी किया था।