वैदिक के साथ स्मार्ट भी होगी नव्य अयोध्या
नव्य अयोध्या सोलर सिटी के साथ करमुखा पद्धति से बसेगी
अयोध्या: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामनगरी में ऐसी नव्य अयोध्या बसाना चाहते हैं जो वैदिक के साथ स्मार्ट भी हो। इसे करमुखा (धनुराकार विन्यास) की तर्ज पर विकसित किया जाना है। नव्य अयोध्या के लिए 639 एकड़ भूमि माझा शाहनेवाजपुर, तिहुरा व बरहटा में संयुक्त रूप से प्रस्तावित है। न्यूनतम 24 मीटर की सड़क व उसके किनारे ग्रीन बेल्ट होगी। करमुखा पद्धति का संबंध माझा बरहटा में स्थापित की जाने वाली भगवान राम की प्रतिमा से भी है।
करमुखा पद्धति से उस निकटवर्ती क्षेत्र से दूरस्थ भाग की सड़कें इस प्रकार नियोजित होंगी कि सूर्य की किरणों की तरह वे सड़कों के रूप में विस्तारित होती दिखेंगी। सोलर सिटी भी उसकी पहचान होगी। सरयू नदी में प्रस्तावित रबर डैम व दोनों किनारे बंधा निर्माण पर्यटन की तलाशी जा रही संभावनाओं का हिस्सा है। कमिश्नर एमपी अग्रवाल रामनगरी से संबंधित विकास परियोजनाओं के नोडल अधिकारी हैं। मुख्यमंत्री के साथ कई चक्र की वार्ता हो चुकी है। गुरुवार को भी रामनगरी के विकास से जुड़े अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेसिग की। बैठक में मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों की अद्यतन प्रगति के बारे में जानकारी की।
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सभी राज्यों के होंगे अतिथि गृह
अयोध्या: देश के सभी राज्यों को रामनगरी से कनेक्ट करने के लिए उनसे संबंधित 25 अतिथि गृह भी बनेंगे। दक्षिणी कोरिया समेत पांच अन्य देशों के लिए भी स्थान आरक्षित होना है। पांच फाइव स्टार, 10 थ्री स्टार व 15 बजट होटल पर्यटकों के लिए बनेंगे। माना जा रहा है कि राम मंदिर निर्माण शुरू होने के साथ रामनगरी में राम भक्तों के साथ ही पर्यटकों की संख्या में आने वाले कई गुना उछाल में विदेशी भी शामिल होंगे। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2015 में 19 हजार विदेशी आए थे। 20 वर्ष बाद 2040 में एक लाख 80 हजार होने का अनुमान है। इसी तरह रामभक्त व पर्यटकों की संख्या में भी करीब 10 गुना उछाल का आकलन है। केंद्रीय व राज्य सेक्टर के तहत पर्यटन विकास की शुरू कई परियोजनाएं पूरी, तो कई पूरी होने की ओर बढ़ चली हैं।