काला नमक धान को पूर्वांचल ब्रांड बनाने की तैयारी
नरेंद्रदेव कृषि विश्वविद्यालय को मिला काला नमक धान पर शोध का जिम्मा सिर्फ मसौधा केंद्र पर खर्च होंगे 14 लाख रुपये.
अयोध्या : सिद्धार्थनगर, देवरिया सहित तराई बेल्ट में पैदा होने वाले काला नमक धान को अब पूर्वांचल के ब्रांड के तौर पर प्रतिष्ठित करने की योजना है। प्रदेश सरकार ने इस पर शोध की जिम्मेदारी आचार्य नरेंद्रदेव कृषि विश्वविद्यालय को सौंपी है। अकेले अयोध्या के मसौधा कृषि प्रक्षेत्र पर शोध कार्य के लिए 14 लाख रुपए आवंटित हुए हैं। योगी सरकार ने कृषि विश्वविद्यालय के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है, शोध परियोजना तीन वर्ष चलेगी। काला नमक धान पर शोध के अंतर्गत धान की गुणवत्ता, उसकी सुगंध व स्वाद को बरकरार रखते हुए उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर अध्ययन किया जायेगा। उत्पादन अवधि व लंबाई घटाने का लक्ष्य है। शोध के बाद इस धान का बीज किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।
अभी काला नमक धान की प्रजाति के उत्पादन के लिए तराई के कुछ जिले ही मुफीद हैं। इसी धान से क्षेत्र की पहचान है। अभी 11 जिले को जीआई टैग मिला है। एक जिला एक उत्पाद योजना में सिद्धार्थनगर ही इसके लिए चुना गया है। नरेंद्रदेव कृषि विवि के मुख्य अन्वेषक सौरभ दीक्षित बताते हैं कि धान की इस प्रजाति पर शोध करने के लिए प्रदेश सरकार ने परियोजना को मंजूर कर दिया। इसमें कुलपति डॉ.बिजेंद्र सिंह का अहम रोल रहा। वे इसके लिए विज्ञानियों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। शोध कार्य के लिए आइएआरआई (भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान) के निदेशक एके सिंह का सहयोग लिया जाएगा। विश्वविद्यालय व आइएआरआई मिल कर इस पर कार्य करेंगे। इसके अतिरिक्त कृषि विज्ञान केंद्र देवरिया, महायोगी कृषि विज्ञान केंद्र गोरखपुर तथा सिद्धार्थनगर पर भी शोध कार्य होगा। सभी के लिए अलग अलग बजट आवंटित किया गया है। डॉ. दीक्षित ने बताया कि नेटवर्किंग वाले केंद्रों पर इसका सतत टेस्ट होगा। शोध के लिए पहले से ही नरेंद्रदेव कृषि विवि ने सिद्धार्थनगर, महाराजगंज से 28 स्थानीय काला नमक की प्रजातियां एकत्र की हैं। अभी यह धान 150 दिन पकता है, रिसर्च में इसी अवधि को कम करना है।
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क्या है जीआई टैग
अयोध्या: नरेंद्रदेव कृषि विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ. अखिलेश सिंह ने बताया कि सर्वे के आधार पर किसी भी उत्पाद के बेहतरीन उत्पादन के लिए उस क्षेत्र को ज्योग्राफिकल इंडीकेशन (जीआई टैगिग) दिया जाता है। इसी तरह काला नमक के उत्पादन के लिए 11 जिलों को जीआई टैग प्रदान किया गया है। इसे भारत सरकार प्रदान करती है।