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अयोध्या महोत्सव में प्रवाहित हुए अभिव्यक्ति के अनेक रंग

ह्रदय में राम के साथ लोगों ने लगाई अध्यात्म में डुबकीछविलाल पाल ने विरहा की प्रस्तुति से बांधा समां अयोध्या आयडल के मंच पर स्थानीय प्रतिभाओं ने छोड़ी छाप.

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 11:49 PM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 11:49 PM (IST)
अयोध्या महोत्सव में प्रवाहित हुए अभिव्यक्ति के अनेक रंग
अयोध्या महोत्सव में प्रवाहित हुए अभिव्यक्ति के अनेक रंग

अयोध्या : सआदतगंज स्थित एक व्यावसायिक परिसर में आयोजित अयोध्या महोत्सव में गुरुवार को अभिव्यक्ति के अनेक रंग प्रवाहित हुए। 'हृदय में राम' की प्रस्तुति अध्यात्म की छटा बिखेरने वाली रही। वशिष्ठ पीठाधीश्वर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने प्रस्तावित विषय पर बोलते हुए कहा, भगवान श्रीराम का संपूर्ण जीवन अनुसरण एवं अनुकरण का विषय है। भगवान राम ने संपूर्ण जगत को चरित्र एवं मर्यादा का पालन करने की सीख प्रदान की। जीवन में तमाम कष्ट एवं प्रतिकूल परिस्थितियों में भी मर्यादा पालन का मापदंड है भगवान श्रीराम का जीवन। ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय से जुड़े मुकेश ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम का मंदिर संपूर्ण जगत को ऊर्जा प्रदान करेगा। महोत्सव का मंच अयोध्या आयडल से भी गुलजार हुआ। इस दौरान गायन और नृत्य के जूनियर तथा सीनियर प्रतिभागियों का चयन तीसरे राउंड के लिए किया गया। कलाकारों ने अपनी प्रतिभा से सामने वालों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अगले कार्यक्रम के रूप में मशहूर विरहा गायक छविलाल पाल एवं लोकगायक प्रमोद यादव ने अपनी प्रस्तुति से समां बांधा। अयोध्या महोत्सव न्यास के अध्यक्ष हरीश श्रीवास्तव ने बताया कि हमारी लोक संस्कृति व संस्कार पूरे विश्व में चर्चा का विषय है और आज इसे संवरते देखना आह्लादकारी है। इस अवसर पर अभिनय पांडेय, साहिल, विवेक पटेल, हरिओम तिवारी, अनामिका सिंह, लव शर्मा, राजकुमारदास, शुभम राही, सिद्धांत तिवारी, अपूर्व गोस्वामी, संस्कार खत्री, स्वर्णिमा श्रीवास्तव, आर्यन चौधरी, आकर्षिता, नंदिनी राजपूत, समृद्धि पाठक, काजल आदि मौजूद रही। महोत्सव के प्रांगण में सजा श्रीराम कला गांव

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- श्रीराम कला गांव महोत्सव में चार चांद लगा रहा है। कला गांव का निर्माण फरवाही नृत्य के कलाकार विजय यादव ने अपने साथियों के साथ मिल कर किया है। कला गांव के केंद्र में 10 फीट ऊंची श्रीराम की मूर्ति नयनाभिराम है। इसके साथ ही अवध की प्राचीनता बयां करने वाली अनेक कलाकृतियां संयोजित हैं। कला गांव में अवधी खान-पान के लिए एक व्यंजनशाला भी बनाई गई है।


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