13 वर्षीय मृगेंद्र ने बनाया छठा वर्ल्ड रिकार्ड
अयोध्या भोगेश्वरी फुकनानी गदरी गुलाब कौर नाना साहब की दत्तक पुत्री मैना देवी तुलसीपुर की रानी लक्ष्मीबाई के रूप में विख्यात रानी ईश्वरी कुमारी ऊदा देवी कित्तूर की रानी चिनम्मा झलकारी बाई दुर्गा भाभी आदि थीं तो देश के अलग -अलग हिस्सों की पर यह सभी वीरांगनाएं समान रूप से देश भक्ति की प्रेरणा देती हैं। इनमें से कुछ अभी भी देशवासियों के दिलो-दिमाग पर छाई हुई हैं तो कुछ विस्मृत होती जा रही हैं।
अयोध्या : भोगेश्वरी फुकनानी, गदरी गुलाब कौर, नाना साहब की दत्तक पुत्री मैना देवी, तुलसीपुर की रानी लक्ष्मीबाई के रूप में विख्यात रानी ईश्वरी कुमारी, ऊदा देवी, कित्तूर की रानी चिनम्मा, झलकारी बाई, दुर्गा भाभी आदि थीं तो देश के अलग -अलग हिस्सों की पर यह सभी वीरांगनाएं समान रूप से देश भक्ति की प्रेरणा देती हैं। इनमें से कुछ अभी भी देशवासियों के दिलो-दिमाग पर छाई हुई हैं, तो कुछ विस्मृत होती जा रही हैं। आज के अभिमन्यु की उपाधि से विभूषित रामनगरी के ही 13 वर्षीय लेखक, कवि एवं चमत्कारिक प्रतिभा संपन्न मृगेंद्रराज ने ऐसी 40 वीरांगनाओं की जीवन गाथा अपनी 40 कृतियों में समेटकर अतीत के गौरव को अक्षुण्ण रखने का प्रयास किया है। इसके लिए उनका नाम छठवीं बार गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज किया जा चुका है। शहर के जिगल बेल स्कृल में आठवीं के छात्र मृगेंद्र विविध विषयों पर 190 पुस्तकें लिख चुके हैं। मृगेंद्र ने पांच वर्ष की आयु में ही काव्यग्रंथ लिखकर सबसे कम उम्र का कवि होने का विश्व रिकार्ड अपने नाम किया था। मृगेंद्र के नाम छह वर्ल्ड रिकार्ड दर्ज हो चुके हैं। गन्ना विभाग में कार्यरत मृगेंद्र के पिता राजेश पांडेय एवं डिग्री कॉलेज में शिक्षिका मां शक्ति पांडेय को यदि बेटे की रचनात्मकता आह्लादित करती है, तो उन्हें इस बात का मलाल है कि समुचित सहयोग के बिना बेटे की अपार प्रतिभा से न्याय नहीं हो पा रहा है। यह दंपती बेटे के पुस्तकों के प्रकाशन में ही लाखों की जमा-पूंजी व्यय कर चुका है।