Move to Jagran APP

रामनगरी में साल भर में संरक्षित हुए 10 लाख से अधिक पौधे

वन विभाग ने पिछले वर्ष 854 हेक्टेयर भूमि पर रोपे थे 13 लाख 30 हजार 650 पौधे.80 फीसदी पौधों की सलामती का दावा फारेस्ट कवर में दर्ज की गई वृद्धि.

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 11:30 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 11:30 PM (IST)
रामनगरी में साल भर में संरक्षित हुए 10 लाख से अधिक पौधे
रामनगरी में साल भर में संरक्षित हुए 10 लाख से अधिक पौधे

अयोध्या: पिछले दो वर्षों में पौधरोपण अभियान का परिणाम काफी सार्थक रहा। फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट इस बात की तस्दीक करती है, जिले में ग्रीन कवर में 3.3 स्क्वायर किलोमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। हरियाली बढ़ी तो वातावरण पर भी इसका प्रभाव दिखा। पिछले वर्ष रोपे गए पौधों में बड़ी संख्या पर्यावरणीय, औद्योगिक एवं इमारती और औषधीय एवं शोभाकार प्रजाति की रही। पिछले वर्ष वन विभाग ने 864 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण किया। वन विभाग का दावा है कि पिछले वर्ष वन विभाग की ओर से रोपे गए 13 लाख 30 हजार 650 पौधे में 80 फीसदी सुरक्षित और जीवित अवस्था में हैं।

loksabha election banner

पिछले वर्ष जिले में कुल 35 लाख 11 हजार पौधों का रोपण किया गया था, जो वर्तमान वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष लगभग एक लाख पौधा अधिक था। हालांकि पिछले वर्ष फलदार पौधों की प्रजाति की किस्में कम रहीं। इस बार वन विभाग ने बीते वर्ष की कमी को पूरा करने का प्रयास करते हुए फलदार वृक्षों की 18 से अधिक किस्मों के 12 लाख से अधिक पौधे तैयार किए हैं, जिसमें अमरूद, आम, इमली, आंवला, कटहल, करौंदा, जामुन, नींबू, बेल, महुआ, गूलर, नीम, सहजन, अरू, शहतूत, अनार, बड़हल, शरीफा आदि शामिल हैं। प्रभागीय वनाधिकारी मनोज खरे ने बताया कि इस बार प्रयास होगा कि अधिक से अधिक फलदार पौधों का रोपण किया जाए, जो कृषकों समेत हर किसी के लिए सेहत और धनार्जन की ²ष्टि से सार्थक सिद्ध हों। पिछले वर्ष शहर में जगह कम होने की वजह से वन विभाग ने जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर पौधों का रोपण किया था, जिसमें प्रमुख रूप से मयाबाजार की भोपा ग्रामसभा में 10 हजार, रुदौली में 12 हजार, सैदपुर में 20 हजार पौधे रोपे गये, जो हरियाली के साथ ही ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने और किसानों के लिए फायदेमंद साबित हुए हैं। डीएफओ ने कहाकि हम अपने मकसद में काफी हद तक सफल रहे हैं और भविष्य में प्रयास होगा कि धरा को हरा भरा बनाने के लिए और बेहतर कार्य कर सकें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.