कुएं से बरामद हुआ लोकतंत्र रक्षक सेनानी का शव
मृतक से अलग रहती थी पत्नी
अयोध्या: संदिग्ध परिस्थितियों में लोकतंत्र रक्षक सेनानी साधुचरन का शव कुएं से बरामद हुआ। वह 80 वर्ष के थे। घटना कैंट थाना क्षेत्र के मऊ यदुवंशपुर गांव की है। रविवार की सुबह वह अपने घर से लापता हो गए थे। देर शाम ग्रामीणों ने कुएं बाहर उनका चश्मा व छड़ी देख कर कुएं में झांका तो उनका शव पानी में उतराता पाया गया। ग्राम प्रधान विकास विक्रम सिंह ने स्थानीय पुलिस को घटना से अवगत कराया। प्रधान व ग्रामीणों की मौजूदगी में पुलिस ने शव को कुएं से बाहर निकाला। सोहावल तहसीलदार प्रमेश कुमार, प्रभारी निरीक्षक विनोद बाबू मिश्र जमथराघाट पहुंच साधुचरन के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। पुलिस लाइन से पहुंची टीम ने उन्हें अंतिम सलामी दी।
मृतक साधुचरन अपने भाई गुरुचरन के साथ गांव में रहते थे। उनकी पत्नी सावित्री काफी दिनों से उनसे अलग होकर शहर के अंगूरीबाग में रहती हैं। मृतक की तीन पुत्रियां हैं। दो पुत्री गुड़िया व मनक की शादी हो चुकी है, जबकि छोटी पुत्री बेबी हरिद्वार स्थित गायत्री शक्ति पीठ में रहती है। साधुचरन प्रतिदिन की तरह रविवार को भी सुबह करीब छह बजे मॉर्निंग वाक पर निकले थे। वापस न लौटने पर उनके भाई के परिवार ने तलाश शुरू की। ग्राम प्रधान ने बताया कि मृतक के भतीजे मोहित प्रजापति के अनुसार उनका किसी से कोई विवाद नहीं था। इस समय वह कुछ तनावग्रस्त चल रहे थे। ग्रामीणों के अनुसार वह गांव में जाकर करीब एक माह पूर्व से ही अपने जीवन को लेकर निराशा भरी बातें करते थे। पुलिस का कहना है कि बात-बात में वह लोगों से कहते थे कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से उनकी बात कराई जाए। मृतक साधुचरन ने करीब 30 वर्षों तक नासिक में रह कर बीज का कारोबार किया था। तीन वर्ष पहले वह नासिक से वापस आकर अपने पैतृक गांव मऊयदुवंशपुर में रहने लगे।