गोल्ड के बदले गोल्ड कारोबार का जुड़ा गोरखपुर से लिक
न नकदी का झंझट न ऑनलाइन भुगतान का लफड़ा। गोल्ड के बदले गोल्ड के कारोबार ने वाणिज्य कर के अधिकारियों के नीचे की जमीन सरका दी। ये अधिकारी अभी तक जीएसटी के फर्जी इनवॉयस से विभाग को लगने वाली चपत की गांठ ही खोलने में लगे थे कि गोल्ड के बदले गोल्ड के कारोबार ने नए सिरे से छानबीन करने को मजबूर कर दिया।
अयोध्या : न नकदी का झंझट न ऑनलाइन भुगतान का लफड़ा। गोल्ड के बदले गोल्ड के कारोबार ने वाणिज्य कर के अधिकारियों के नीचे की जमीन सरका दी। ये अधिकारी अभी तक जीएसटी के फर्जी इनवॉयस से विभाग को लगने वाली चपत की गांठ ही खोलने में लगे थे कि गोल्ड के बदले गोल्ड के कारोबार ने नए सिरे से छानबीन करने को मजबूर कर दिया। पटरंगा पुलिस ने गोल्ड के साथ जिन चार कारोबारियों को वाणिज्य कर के असिस्टेंट कमिश्नर व मोबाइल टीम प्रभारी आलोक तिवारी को सौंपा, उनसे छानबीन में इस बेनामी कारोबार का सच सामने आया। उन्होंने विभागीय उच्चाधिकारियों एडिशनल ग्रेड-एक सूर्यनारायण, एडिशनल ग्रेड-दो एसके श्रीवास्तव व ज्वाइंट कमिश्नर आरके तिवारी को जानकारी दी। पूछताछ में एडिशनल ग्रेड-दो व ज्वाइंट कमिश्नर शामिल हुए। अघोषित कारोबार की कहानी कारोबारियों की जुबानी सुन ये अधिकारी भी दंग रह गए।
गाजियाबाद से गोरखपुर तक के छोटे, बड़े सराफा व्यवसायियों के शामिल होने की जानकारी मिली। कार से गोरखपुर पहुंचाने जा रहे थे कि वाहन चेकिग में पटरंगा पुलिस के हत्थे चढ़ गए। बिना बिल, पर्चे के करोड़ों का गोल्ड कारोबार में सराफा कारीगरों की भूमिका सिर्फ कैरियर के रूप में मानी जा रही है। वाणिज्य कर अधिकारी पर्दे के पीछे इसे ऑपरेट करने वाले बड़े सराफा व्यवसायियों का हाथ मानते हैं। तिवारी के अनुसार सोने की बिक्री पर तीन फीसद टैक्स है। टैक्स चोरी के मकसद से यह रैकेट लंबे समय से विभाग को राजस्व की चपत लगा रहा है। उनके अनुसार ये सोने के पुराने गहने खरीद कर पहले गलाते हैं फिर नया गहना बनाकर बिक्री करते हैं। पुराना व नया गहना दोनों की खरीद व बिक्री का भुगतान गोल्ड में होता है। नकदी भुगतान न होने से कारोबार के लिए न फर्म कर पंजीकरण, न ही बिल पर्चे की जरूरत होती है।
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वाणिज्य कर ने वसूला छह गुना जुर्माना
अयोध्या: असिस्टेंट कमिश्नर आलोक तिवारी की अनुसार बरामद सोना 18 कैरेट का एक किलो 72 ग्राम रहा। बाजार भाव 69 लाख 640 रुपया था। कीमत के आधार पर तीन फीसद गोल्ड पर टैक्स का छह गुना जुर्माना वसूल कर लखनऊ निवासी नूर मोहम्मद के हक में रिलीज कर दिया गया। तिवारी ने बताया कि ऑनलाइन चार लाख 14 हजार 040 रुपया वाणिज्य कर के पक्ष में जमा कर रसीद प्रस्तुत करने पर उसे अवमुक्त किया गया। बताया कि इस रैकेट से लिक सराफा व्यवसायियों की छानबीन जारी है।