अगले वर्ष श्रीलंका से अयोध्या तक निकलेगी काव्य यात्रा, 26 को होगी संकल्प सभा
राष्ट्रीय कवि संगम अगले वर्ष मकर संक्रांति से श्रीलंका से
अयोध्या: राष्ट्रीय कवि संगम अगले वर्ष मकर संक्रांति से श्रीलंका से अयोध्या तक श्रीराम वनगमन पथ काव्य यात्रा निकालेगा। रामेश्वरम से यात्रा को रथयात्रा का स्वरूप दिया जाएगा। समापन अयोध्या में होगा। खास बात यह है कि समापन पर अनोखा रिकार्ड भी बनेगा।
अयोध्या में पांच दिन का अखंड कवि सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जो दिन-रात चलता रहेगा। इसको लेकर आगामी 26 फरवरी को नयाघाट पर शाम चार बजे से संकल्प सभा का आयोजन किया जाएगा। सभा में परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, एकल अभियान के प्रणेता श्यामजी गुप्त, राष्ट्रीय कवि संगम के अध्यक्ष जगदीश मित्तल, महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के कुलाधिपति डॉ. नंदकिशोर गर्ग, श्रीराम सांस्कृतिक शोध संस्थान के अध्यक्ष डॉ. रामअवतार शर्मा आदि दिग्गज हस्तियां शामिल होंगी। यह जानकारी राष्ट्रीय कवि संगम के क्षेत्रीय अध्यक्ष शिव कुमार व्यास ने फॉरएवर लॉन में हुई पत्रकार वार्ता में दी।
उन्होंने बताया कि संकल्प सभा से पहले 26 फरवरी को तिरुपति होटल में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी होगी। व्यास ने कहाकि भगवान राम और माता जानकी अयोध्या से लंका तक पैदल गए थे, लेकिन वापस पुष्पक विमान से लौटे थे। अगले वर्ष रामेश्वरम से अयोध्या तक उन्हीं स्थानों से रथयात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा करीब 51 दिनों तक चलेगी। उन्होंने बताया कि वनगमन मार्ग पर 249 प्रमुख स्थान हैं। इसमें 30 स्थल ऐसे हैं, जहां भगवान ने ज्यादा समय व्यतीत किया था। इन स्थलों पर कवि सम्मेलन, भजन संध्या व रामचरित मानस का पाठ आयोजित किया जाएगा। इस मौके पर अयोध्या महोत्सव न्यास के अध्यक्ष हरीश श्रीवास्तव, भाजपा के मीडिया प्रभारी दिवाकर सिंह व अंशुमान मित्रा मौजूद थे।