अव्यवस्था से घिरी वीआइपी कालोनी कोशलपुरी
अव्यवस्था से घिरी वीआइपी कालोनी कोशलपुरी
अयोध्या: शहर की कोशलपुरी कालोनी चौतरफा अव्यवस्थाओं से घिरी है। सड़कें टूटी हैं, पार्क बदहाल हैं, रोड लाइट जलती नहीं है और सफाई कभी होती नहीं है। यह तस्वीर किसी एक दिन की नहीं, हर दिन की है। जिम्मेदारियों से किनारा कर चुके अधिकारी पर्व, त्योहार पर भी इस ओर मुखातिब नहीं होना चाहते हैं। लगभग एक हजार से अधिक घरों वाली इस कालोनी को अयोध्या विकास प्राधिकरण ने बसाया था। हाईवे से सटी इस कालोनी में विधायक, नेता, व्यवसायी, ठेकेदार, नौकरीपेशा से लेकर हर वर्ग के लोगों का आवास है। कभी खोजनपुर ग्राम सभा क्षेत्र में पड़ने वाली यह कालोनी अब नगर निगम क्षेत्र में है। निगम का विस्तारीकरण हो गया लेकिन कालोनीवासियों के दिन नहीं बहुरे।
शहर की वीआइपी कालोनियों में शुमार कोशलपुरी में विकास के नाम पर प्राधिकरण ऐसा कुछ भी नहीं कर सका, जिसकी कहीं गिनती होती हो। अगर कुछ बढ़ा तो वह डेवलपमेंट चार्ज है। कालोनी बसा कर वासियों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया। आज लोग तमाम समस्याओं से जूझ रहे है। पार्क है तो उनमें झाड़ियां उग आईं हैं। जाना तो दूर कोई वहां रुकना भी पसंद नहीं करता है। कई पार्कों का इस्तेमाल तो कूड़ा घर के रूप में किया जा रहा है। कालोनी की सड़कें गड्ढा मुक्त की जगह गड्ढा युक्त हो गईं हैं। हाईवे से सटे कालोनी के मुख्य मार्ग पर प्राधिकरण ने इन गड्ढों को ढकने के लिए पैच लगवा दिया है, शेष सड़कें अपनी दुर्दशा बयां करती हैं। नालियों की कभी सफाई नहीं होती है। कुछ लोगों ने अपना निजी सफाई कर्मी रख रखा है, जो घरों के सामने नाली की सफाई करता है और बदले में निर्धारित शुल्क लेकर जाता है। यही हाल विद्युत व्यवस्था का भी है। शाम होते ही कालोनी का अधिकांश हिस्सा अंधेरे में डूब जाता है। कहीं किसी खंभे पर शायद ही लाइट दिखती हो।
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हाईवे की सर्विसलेन से कालोनी की कनेक्टविटी नहीं सबसे बड़ी समस्या हाईवे से सर्विस लेन और सर्विस लेन से कालोनी की सड़क के जुड़ाव की है। कालोनी का दक्षिणी हिस्सा सीधा हाईवे पर जा कर निकलता है, लेकिन उससे पहले एनएचएआई सर्विस लेन बनवा रहा है। तीनों के बीच कोई कनेक्टविटी न होने से अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं। स्थानीय निवासी अधिवक्ता पवन तिवारी बताते हैं कि एनएचएआई और प्राधिकरण के बीच तालमेल न होने से कालोनी से हाईवे तक कोई कनेक्टिविटी नहीं है। एनएचएआई ने भी सर्विस लेन बनवाते समय यह नहीं सोचा कि लोगों का आना-जाना कैसे होगा। अब लोगों को जान जोखिम में डाल कर इस मार्ग से निकलना पड़ता है। कालोनीवासियों की न ही नगर निगम में सुनवाई होती है और न ही प्राधिकरण में। फेज वन से ज्यादा फेज टू के लोग समस्याओं से ग्रसित हैं।
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'कोशलपुरी कालोनी में कई विकास कार्य प्रस्तावित है और हो भी रहे हैं। कालोनी में पैच कार्य का टेंडर हुआ था, उसे कैंसिल कर दिया गया है। दोबारा से टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। कुछ हिस्से में पैच वर्क किया जा रहा है। इसके अलावा कालोनी में एलईडी लाइटें लगनी हैं और नाला का निर्माण भी होना है। प्रक्रिया चल रही है। अगले एक से दो माह के बीच कार्य प्रारंभ हो जाएंगे।
-वंशबहादुर, अवर अभियंता, अयोध्या विकास प्राधिकरण'