नगरी में परिभाषित हो रहा झूलनोत्सव का वैभव
अयोध्या : रामनगरी में 13 दिवसीय झूलनोत्सव सावन पूर्णिमा यानी रविवार तक चलेगा पर झूलनोत्सव का अ
अयोध्या : रामनगरी में 13 दिवसीय झूलनोत्सव सावन पूर्णिमा यानी रविवार तक चलेगा पर झूलनोत्सव का अतिरेक पूर्व संध्या पर ही परिभाषित होगा और उत्सव के चरम की झलक शुक्रवार से ही मिलने लगी है। न केवल नगरी के सैकड़ों मंदिर उत्सव से सराबोर नजर आए बल्कि श्रद्धालुओं का सैलाब भी सावन की घटा की तरह आस्था के क्षितिज पर पूरी रौ में उमड़ते-घुमड़ते नजर आए। ढलते ही नगरी के सैकड़ों मंदिरों में झूलनोत्सव की छटा बिखरी। ¨हडोले पर आराध्य विग्रह को विराजमान करा अर्चकों ने पूरे भाव-चाव से न केवल आराध्य का बल्कि पूरी महफिल का श्रृंगार किया। सम्मुख स्थापित संगीतज्ञों की मंडली ने आस्था में पगे पदों की प्रस्तुति से समां बांधा। अनेक मंदिरों में नर्तक भी नर्तकियों की भाव-भंगिमा के साथ पूरे यत्न से आराध्य के साथ दर्शकों को लुभाते रहे।प्रमुख मंदिरों के साथ प्रमुख मार्गों पर यातायात का दबाव स्पष्ट परिलक्षित हो रहा है पर श्रद्धालु व्यवस्थागत पचड़े से ऊपर उठकर झूलनोत्सव आत्मस्थ करने में लगे हैं। यूं तो झूलनोत्सव नगरी के हजारों मंदिरों में यथाशक्ति संयोजित है पर दो-ढाई दर्जन मंदिरों का झूलनोत्सव आकर्षण का सबब बना हुआ है। उत्सव में भाव अर्पित करने को बेताब भक्त जान रहे हैं कि उनके पास रविवार तक ही आस्था की इंद्रधनुषी छटा सजाने का मौका है। ¨हडोले पर आराध्य की झांकी में भाव एवं भव्यता के हरसंभव आयाम अर्पित करने के साथ आराध्य के दरबार में संगीत संध्या का संवहन हो रहा है। स्थापित संगीतज्ञों की मंडली आचार्य प्रणीत पदों की प्रस्तुति से समां बांध रही है। कनकभवन, मणिरामदास जी की छावनी, दशरथमहल बड़ास्थान, रामवल्लभाकुंज, लक्ष्मणकिला, रंगमहल, राजगोपाल, कोसलेशसदन, अशर्फीभवन, सुग्रीवकिला, जानकीमहल, जानकीघाट बड़ास्थान, रसमोदकुंज, पत्थर मंदिर, सियावल्लभकुंज जैसे अनेक मंदिरों का झूलनोत्सव आकर्षण का सबब बना हुआ है।