रामनगरी में झूलनोत्सव चरम की ओर
अयोध्या (फैजाबाद) : रामनगरी में 13 दिवसीय झूलनोत्सव पांच दिन और चलेगा पर उत्सव का चरम मंगलवार
अयोध्या (फैजाबाद) : रामनगरी में 13 दिवसीय झूलनोत्सव पांच दिन और चलेगा पर उत्सव का चरम मंगलवार से ही मुखर होने लगा। दिन ढलते ही नगरी के सैकड़ों मंदिरों में झूलनोत्सव की छटा बिखरी। ¨हडोले पर आराध्य विग्रह को विराजमान करा अर्चकों ने पूरे भाव-चाव से न केवल आराध्य का बल्कि पूरी महफिल का श्रृंगार किया। सम्मुख स्थापित संगीतज्ञों की मंडली ने आस्था में पगे पदों की प्रस्तुति से समां बांधा। अनेक मंदिरों में नर्तक भी नर्तकियों की भाव-भंगिमा के साथ पूरे यत्न से आराध्य के साथ दर्शकों को लुभाते रहे। ..तो श्रद्धालु भी समर्पण की मिसाल बने रहे और आस्था की इंद्रधनुषी धार में गोते लगाते रहे। मंदिरों के साथ नगरी का बड़ा हिस्सा श्रद्धालुओं से पटने लगा है। प्रमुख मंदिरों के साथ प्रमुख मार्गों पर यातायात का दबाव स्पष्ट परिलक्षित हो रही है पर श्रद्धालु व्यवस्थागत पचड़े से ऊपर उठकर झूलनोत्सव आत्मस्थ करने में लगे हैं। यूं तो झूलनोत्सव नगरी के हजारों मंदिरों में यथाशक्ति संयोजित है पर दो-ढाई दर्जन मंदिरों का झूलनोत्सव आकर्षण का सबब बना हुआ है।
आस्था के दीपों से रोशन हुआ सरयू तट
झूलनोत्सव की रौनक के बीच सरयू तट आस्था के दीपों से रोशन हुआ। मधुर उपासना परंपरा की प्रमुख पीठ रंगमहल के महंत रामशरणदास ने कुछ चु¨नदा शिष्यों के साथ पुण्यसलिला की आरती की। इनमें सूरत के परमेश्वर अग्रवाल एवं राधेश्याम अग्रवाल सपत्नीक रहे। राधेश्याम गुजरात एवं राजस्थान में वृहद गोशाला संचालित करते हैं और उनकी गोशाला में हजार से अधिक गाएं हैं। गोसेवा के साथ सरयू की अभ्यर्थना के योग को महंत रामशरणदास से शुभ-सौभाग्यपूर्ण बताया। 20 से 25 मिनट तक सरयू की 21सौ दीपों से आरती की गई। सरयू की नित्य आरती करने वाली संस्था आंजनेय सेवा संस्थान के अध्यक्ष महंत शशिकांतदास ने अतिथियों का स्वागत किया और कहा सरयू की उपासना लोक-परलोक दोनों सुधारती है।
भोले की भक्ति शबाब पर
सावन पूर्णता की ओर है और इसी के साथ भोले की भक्ति शबाब पर है। गुप्तारघाट स्थित अनादि पंचमुखी महादेव मंदिर में भोले बाबा की मनोहारी झांकी सजाए जाने के साथ भजन संध्या संयोजित की गई। अनादि पंचमुखी का दरबार पूरे सावन माह गुलजार रहा। प्रथम सोमवार को लक्ष्मणकिलाधीश महंत मैथिलीरमणशरण एवं तीसरे सोमवार पर रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमारदास ने बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के साथ बाबा की आरती की। मंदिर के व्यवस्थापक आचार्य मिथिलेशनंदिनीशरण के अनुसार सावन के बाद का भंडारा 30 अगस्त को अपराह्न से देर रात तक प्रस्तावित है और उसकी तैयारी भी शुरू हो चुकी है।