आयकर रिफंड के खेल में कई विभाग शामिल
आयकर सूत्रों के अनुसार चिकित्सीय प्रमाणपत्र देने के लिए (एमडी-डीएम) की अर्हता वाला डॉक्टर ही अधिकृत है। चिकित्सीय प्रमाणपत्र देने वाले डॉक्टर से आयकर विभाग यही जानना चाहेगा कि वह प्रमाणपत्र देने के लिए कैसे अधिकृत है। प्रमाणपत्र देने के लिए आयकर विभाग सरकारी चिकित्सक को अनुमन्य बताता है।
अयोध्या : आयकर की अदायगी के बाद गंभीर बीमारी दिखाकर रिफंड लेने के खेल का दायरा बड़ा बताया जा रहा है। यह अकेले बेसिक शिक्षा के शिक्षकों तक ही सीमित नहीं है। माध्यमिक शिक्षकों से भी इसके तार जुड़े बताए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के भी इसी रास्ते से आयकर से टैक्स अदायगी के बाद रिफंड लेने की चर्चा कर्मचारी दबी जुबान से करने लगे हैं।
जागरण में रविवार के अंक में खुलासे के बाद रिफंड लेने वाले सकते में हैं। चौक के एक चिकित्सक के साथ अब एक चार्टड एकाउंट का नाम भी इससे से जुड़ने लगा है। वेतन से आयकर की कटौती को बाद में 10-आई प्रपत्र के जरिये गंभीर बीमारी दिखाकर रिफंड लेने के खेल में कई शामिल बताए जा रहे हैं। खुलासे के बाद आयकर ने बेसिक शिक्षा विभाग से शिकंजा कसना शुरू किया है। आयकर सूत्रों का कहना है कि इस खेल में कई विभाग शामिल हैं। आयकर अधिकारी (टीडीएस) एसके श्रीवास्तव 28 जून को सुनवाई के लिए चिकित्सीय प्रमाणपत्र देने वाले डॉक्टर एवं बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी को तलब कर चुके हैं। एक चार्टड एकाउंट के दिमाग की इसके पीछे होने की भी चर्चा है।
चिकित्सीय प्रमाणपत्र देने के लिए (एमडी-डीएम) की अर्हता वाला डॉक्टर ही अधिकृत है। चिकित्सीय प्रमाणपत्र देने वाले डॉक्टर से आयकर विभाग यही जानना चाहेगा कि वह प्रमाणपत्र देने के लिए कैसे अधिकृत है। प्रमाणपत्र देने के लिए आयकर विभाग सरकारी चिकित्सक को अनुमन्य बताता है।