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धान खरीद में सुधार, फिर भी किसान परेशान

धान बेचने के लिए किसान दर दर भटक रहे हैं। विपणन शाखा के पटरंगा व रुदौली धान क्रय केंद्रों पर किसानों की कतार लगी है लेकिन किसानों का धान तौल नहीं हो पा रही है। धान की सुरक्षा के लिए किसान ट्राली के नीचे बैठकर रात बिताने को मजबूर हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Dec 2020 10:46 PM (IST)Updated: Mon, 21 Dec 2020 10:46 PM (IST)
धान खरीद में सुधार, फिर भी किसान परेशान
धान खरीद में सुधार, फिर भी किसान परेशान

अयोध्या : धान खरीद शुरू हुए दो महीने से ज्यादा हो गए। किसान धान की बिक्री के लिए परेशान हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद खरीद में तेजी से अप्रत्याशित सुधार हुआ है। इस सुधार के बावजूद किसानों के चेहरे पर समर्थन मूल्य पर धान बिक्री करने की चमक नहीं लौटी। वजह पंजीकरण कराने के बाद की लंबी वेटिग है। 42 क्रय केंद्र पर किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीद हो रही है। बिचौलियों के मार्फत धान खरीदने की शिकायतें भी आम हैं। ऐसा क्रय केंद्र शायद ही मिले जिस पर किसान लाइन में न हों। क्रय एजेंसियों के गोदामों से डपिग कम हुई है। जिला खाद्य विपणन अधिकारी अजीत प्रताप सिंह के अनुसार वेटिग की वजह बाजार व समर्थन मूल्य के बीच लगभग सात सौ रुपये का अंतर है। उनके अनुसार किसानों के दबाव को कम करने के लिए हरिग्टनगंज को छोड़ कर सभी 10 ब्लॉकों पर एक-एक इलेक्ट्रानिक कांटे और उपलब्ध कराए गए हैं। उससे धान खरीद में तेजी आई है। बीते वर्ष के सापेक्ष लक्ष्य 50 फीसद अधिक है। 60 हजार मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।

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संसू, रुदौली के अनुसार विपणन शाखा के पटरंगा व रुदौली धान क्रय केंद्रों पर किसानों की कतार लगी है। किसानों के धान की तौल नहीं हो पा रही है। किसान ट्राली के नीचे बैठ कर तौल कराने के लिए रात बिताने को मजबूर हैं। वेटिग लंबी होने से किसान औने पौने दामों पर धान बेचने को मजबूर है। टांडा सूफी के किसान राधेश्याम मिश्र ने बताया कि दो माह पहले धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। तौल नहीं हुई। तौल का इंतजार कर रहे हैं। एसडीएम से शिकायत भी की। अब 28 दिसंबर की तारीख मिली है। दुल्लामऊ के किसान सुशील मिश्र ने बताया कि ऐहार क्रय केंद्र प्रभारी रमेश यादव डेढ़ माह से दौड़ा रहे हैं। उमापुर के किसान विवेक शुक्ल व भटमऊ नरायन पुर के किसान हरिओम बाजपेई का धान अब तक नहीं तौला गया। किसानों का आरोप है कि बिचौलियों का धान सीधे राइस मिल में उतरता है। खरीद क्रय केंद्र से दिखाई जाती है।

तहसील क्षेत्र में कुल आठ क्रय केंद्र खुले हैं। साधन सहकारी समिति ऐहार व बाबा बाजार क्रय केंद्र पर बिचौलिए हावी है। ललुआपुर में दो क्रय केंद्र खोले गए हैं। नैफेड के क्रय केंद्र पर 2400 क्विटल व एफपीओ (फार्मर प्रोडक्ट्स आर्गनाइजेशन) केंद्र पर 6500 क्विटल व विपणन केंद्र रुदौली पर 14 हजार 500 क्विटल खरीद हुई है। क्रय किए गए धान का भुगतान भी लटका है। बाबाबाजार क्रय केंद्र पर सोमवार की सुबह तौल बंद मिली। यहां पर खरीदे गए धान का उठान किया जा रहा था। तहसील बैठक में जाने से क्रय केंद्र प्रभारी मौजूद नहीं रहे। एफपीओ केंद्र की खरीद सवालों के घेरे में

रुदौली : एफपीओ के ललुआपुर क्रय केंद्र की खरीद सवालों के घेरे में आई है। यहां पर एसडीएम बिपिन सिंह ने निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान तमाम अनियमितताएं सामने आईं थीं। यहां पर धान खरीद की रफ्तार ही सवालों के घेरे में है। तीन सप्ताह में महज 6500 क्विटल धान की खरीद हो सकी।


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