रीडगंज से बसखारी तक फोरलेन की तस्वीर साफ
30 करोड़ अवमुक्त वन विभाग से अनापत्ति का इंतजार
अयोध्या : करीब तीन वर्ष बाद रीडगंज से बसखारी-अंबेडकरनगर तक फोरलेन निर्माण की तस्वीर साफ हो गई। 30 करोड़ रुपया अवमुक्त हो चुका है। इसमें 20 करोड़ अंबेडकरनगर के प्रांतीय खंड व निर्माण खंड को व 10 करोड़ अयोध्या के प्रांतीय खंड को मिला है। बसखारी में यह आजमगढ़ फोरलेन से कनेक्ट होगा। इसके निर्माण से अंबेडकरनगर वाया आजमगढ का सफर आसान हो जाएगा। प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता गजेंद्र सिंह रविकुल के अनुसार बारिश के बाद निर्माण शुरू कराएंगे। वन विभाग से निर्माण के लिए अनापत्ति मांगी गई है। विद्युत लाइन के शिफ्टिग का आगणन उपलब्ध कराने के लिए पावर कारपोरेशन को पत्र लिखा है।
फिलहाल फोरलेन निर्माण के लिए दो सबसे बड़ी चुनौती कार्यदायी संस्था के सामने होगी। पहली फोरलेन की स्वीकृति लागत 526 करोड़ रुपये तीन वर्ष पहले वर्ष 2016 की है। तीन वर्ष में निर्माण सामग्री की लागत बढ़ने से स्वीकृति धनराशि में निर्माण पूरा कराना आसान नहीं होगा। पुनरीक्षित आगणन को मंजूरी दिलाना उसके सामने पहली चुनौती होगी। दूसरी चुनौती गोसाईंगंज कस्बे के भीतर फोरलेन निर्माण के लिए प्रांतीय खंड,अयोध्या के सामने होगी। कस्बे में उसकी जमीन पर अतिक्रमण कर पक्का निर्माण करा लिया गया है। ऐसे में फोरलेन निर्माण कराने के लिए अवैध निर्माण ढहाने के लिए कार्यदायी संस्था के सामने क्षत्रपों की राजनीति आड़े आएगी। फोरलेन निर्माण के लिए विभागीय भूमि से वह अवैध निर्माण ढहाएगा या फिर बाइपास बना कस्बे के अवैध निर्माण से पल्ला झाड़ेगा। निर्माण शुरू होने के बाद इसका पता चलेगा।
गैर आबादी वाले क्षेत्र में ढाई मीटर चौड़ा डिवाइडर व उसके दोनों तरफ 8.75-8.75 मीटर चौड़ाई में सड़क बनेगी। आबादी वाले क्षेत्र में सड़क की चौड़ाई वही रहेगी सिर्फ डिवाइडर की चौड़ाई आधा घटाकर सवा मीटर होगी। लगभग 81 किमी लंबे फोरलेन में 45 किमी. अंबेडकरनगर का प्रांतीय व निर्माण खंड व अयोध्या का लगभग 35 किमी. लंबा हिस्से का निर्माण प्रांतीय खंड-अयोध्या कराएगा।