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90 किमी दूरी में चिह्नित होगा सरयू नदी का फ्लड जोन

सरयू नदी के किनारे फ्लड जोन की पहचान बाढ़ कार्य खंड ने शुरू कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 11:42 PM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 08:54 PM (IST)
90 किमी दूरी में चिह्नित होगा सरयू नदी का फ्लड जोन
90 किमी दूरी में चिह्नित होगा सरयू नदी का फ्लड जोन

अयोध्या : सरयू नदी के किनारे फ्लड जोन की पहचान बाढ़ कार्य खंड ने शुरू कर दी है। रुदौली तहसील के सरहदी राजस्व गांव चिर्रा खजुरी से लगभग 90 किमी लंबाई में ब्लॉक मयाबाजार के श्रृंगी ऋषि आश्रम तक यह होगा। नेशनल हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश पर पहचान के बाद इस क्षेत्र में पक्का निर्माण प्रतिबंधित हो जाएगा। हरित पट्टी के रूप में इस क्षेत्र को विकसित किया जाएगा। बाढ़ कार्य खंड का सर्वे शुरू है। केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2009 में अयोध्या के नयाघाट में सरयू नदी का सर्वोच्च जल स्तर 94.01 मीटर रहा। उसी को आधार बना फ्लड जोन की पहचान करने में सर्वे टीम लगी है। सर्वोच्च जल स्तर के प्वाइंट से दूरी के हिसाब से यह घटे-बढ़ेगा।

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अधिशासी अभियंता शशिकांत प्रसाद के अनुसार 31 मार्च तक सर्वे पूरा कर लिया जाएगा। उसके बाद पक्के स्ट्रक्चर पर की गई मार्किंग की पहचान फ्लड जोन के बार्डर के रूप में होगी। उनके अनुसार फ्लड जोन पहचान का कार्य जहां बंधा निर्मित है वहां बंधा के अंदर नदी की तरफ होगा। बिना बंधा वाले क्षेत्र में जिस स्थल तक नदी का फैलाव हुआ है, उसे फ्लड जोन का बार्डर माना जाएगा। एई सर्वजीत वर्मा के अनुसार फ्लड जोन पहचान की मंशा उस क्षेत्र में पक्का निर्माण रोकना है जिससे नदी के फैलाव के लिए अवरोध को दूर किया जा सके। वर्मा के अनुसार योगी सरकार ने सरयू नदी की कटान की जद में आये ब्लॉक पूराबाजार के माझा रामपुरपुवारी को बचाने के लिए 12 करोड़ 54 लाख रुपये की परियोजना को मंजूरी प्रदान कर दी है। ड्रेजिग कर नदी की धारा को माझा रामपुरपुवारी से नदी की तरफ ले जाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिलान्यास भी कर चुके हैं। बाढ़ कार्य खंड के सर्वे से नदी किनारे के गांवों में हलचल बढ़ गई है। कोई इसे बंधा निर्माण से जोड़ कर देख रहा है तो कोई इसे अयोध्या में प्रस्तावित बैराज का हिस्सा बताने लगा है।


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