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पहले था जान को खतरा, अब लोकशांति को

10 शस्त्र लाइसेंसों को पुलिस नहीं मानती जनहित में उचित लाइसेंस निरस्तीकरण की पुलिस की सभी रिपोर्टों की भाषा एक जैसी

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 12:58 AM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 12:58 AM (IST)
पहले था जान को खतरा, अब लोकशांति को
पहले था जान को खतरा, अब लोकशांति को

अयोध्या (आनंदमोहन): पुलिस ने पहले जिनकी जान को खतरा भांप सुरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस जिला मजिस्ट्रेट से दिलाया था, वही पुलिस अब उस शस्त्र को जनहित में उचित नहीं मानती। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पुलिस ने अपने थाना क्षेत्र के शस्त्र धारकों के लाइसेंस निरस्तीकरण की रिपोर्ट जिला मजिस्ट्रेट नितीश कुमार को भेजी है। जिला मजिस्ट्रेट उन शस्त्र लाइसेंसों को पुलिस रिपोर्ट के आधार पर लोक शांति की सुरक्षा के लिए खतरा मानते हैं। लाइसेंस निलंबित करने से पहले जिला मजिस्ट्रेट निरस्तीकरण करने से पहले शस्त्र धारक को निलंबन/कारण बताओ नोटिस जारी कर रहे हैं। शस्त्र लाइसेंस निरस्तीकरण में पुलिस की रिपोर्ट कमोबेश एक जैसी है। पुलिस रिपोर्ट में वाजिब कारण का उल्लेख नहीं है। उल्लेख सिर्फ 'लाइसेंसधारक के पास लाइसेंस/शस्त्र रहना जनहित में उचित नहीं है'का है। अंतर सिर्फ शस्त्रधारक के नाम, शस्त्र नंबर, नाम, पता व थाना का है। सभी में जनहित के लिए उचित नहीं मानते हुए लाइसेंस निरस्तीकरण की संस्तुति की गई है। महराजगंज पुलिस ने जलालुद्दीननगर निवासी चेतनारायण सिंह का एनपी बोर रिवाल्वर व रायफल, उसी थाना के मड़ना निवासी राजमणि यादव की डीबीबीएल बंदूक, योगेंद्र बहादुर सिंह निवासी पूराबाजार की डीबीबीएल बंदूक, कुम्हिया निवासी मनोज सिंह के एनपी बोर रिवाल्वर एवं खुजरावर निवासी परमेश्वर वर्मा के एसबीबीएल बंदूक का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है। तारुन पुलिस ने परसावा महोला निवासी समरबहादुर वर्मा का एनपी बोर रिवाल्वर, खौपुर निवासी सतगुरुशरण की डीबीबीएल बंदूक एवं विजयनपुर सजहरा निवासी रामसुरेश वर्मा की एसबीबीएल बंदूक लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति जिला मजिस्ट्रेट से की है। इनायतनगर पुलिस ने शाहगंज निवासी रमेश कुमार की एसबीबीएल बंदूक का लाइसेंस जनहित में उचित न मानते हुए निरस्त करने की रिपोर्ट जिला मजिस्ट्रेट को भेजी है। शस्त्रधारक इसे विधानससभा चुनाव के लिए निरोधात्मक कार्रवाई के नाम पर पुलिस का उत्पीड़न बताते हैं। विधानसभा चुनाव के लिए शस्त्र जमा कराने का दबाव भी शस्त्र लाइसेंसियों पर बढ़ाने लगी है। आरोप है कि बिना नोटिस दिए ही हल्का दारोगा लाइसेंसी शस्त्र जमा न करने पर कार्रवाई की चेतावनी देने लगे हैं। बेजा दबाव से शस्त्रधारक बहुत परेशान हैं। उनका कहना है कि उनके जीवन भय को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस की संस्तुति की है। जीवन भय की स्थिति यथावत होने के बावजूद शस्त्र जमा कराने का दबाव बना पुलिस उनके जान को खतरा बढ़ा रही है।

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