अवध विवि को लगी 45 करोड़ की चपत
गलती से फर्म वाले पैनकार्ड पर दाखिल की आयकर विवरणी
अयोध्या (आनंदमोहन): डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विवि की एक छोटी सी गलती से उसे लगभग 45 करोड़ 79 लाख की चपत लग गई। यह चोट उसे गलत पैन कार्ड पर आयकर विवरणी दाखिल करने से लगी। विवि ने जिस पैन कार्ड पर 2013-14 की विवरणी दाखिल की आयकर के आनलाइन सिस्टम में वह विश्वविद्यालय के बजाय फर्म के नाम था। गलती की वजह विवि के पास दो पैन कार्ड होना बताया जा रहा है। विश्वविद्यालय को राज्य सरकार से ग्रांट व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से मिली धनराशि पर आयकर की छूट होने से टैक्स नहीं देना होता। दाखिल आयकर विवरणी का पैनकार्ड विश्वविद्यालय के बजाय फर्म के नाम होने से आनलाइन सिस्टम से आयकर विभाग से 33 करोड 43 लाख रुपये टैक्स की डिमांड जनरेट हो गई। बड़ी डिमांड जनरेट होने पर आयकर अधिकारी-दो की तरफ से पांच अप्रैल 2018 को 12 करोड़ 36 लाख के ब्याज समेत कुल 45 करोड़ 79 लाख रुपये की सेंट्रल बैंक, शाखा विश्वविद्यालय परिसर के प्रबंधक को नोटिस जारी कर विवि के बैंक एकाउंट व फिक्स डिपाजिट से रिकवरी करा ली गयी। लगभग 46 करोड़ की आयकर विभाग से की गई कटौती को हाईकोर्ट में चुनौती दे विश्वविद्यालय ने दबा दिया। विश्वविद्यालय को लगी यह आर्थिक चोट वित्तीय वर्ष 2018-19 की संपरीक्षा में उजागर हुई। प्रभारी वित्त नियंत्रक सीके मिश्र के अनुसार प्रकरण उनके पहले का है। आयकर कटौती से संबंधित प्रकरण हाईकोर्ट में लंबित होने की उन्हें जानकारी है। आयकर अधिकारी एसएन पांडेय भी प्रकरण हाईकोर्ट में लंबित होने की बात कह कर कुछ भी कहने से बचते हैं। वहीं आयकर सूत्रों के अनुसार आनलाइन सिस्टम में पैनकार्ड फर्म का होने से विश्वविद्यालय पर टैक्स की डिमांड जनरेट होना स्वभाविक है। मैनुअल प्रक्रिया होती तो विश्वविद्यालय का पक्ष सुने जाने के बाद टैक्स न लगता। विश्वविद्यालय ने हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी है। कोर्ट का निर्णय अभी नहीं आया।