उपयोगी वस्तुओं के दान से हुआ उपवास का पारण
निर्जला एकादशी के उपवास के बाद द्वादशी यानी मंगलवार को श्रद्धालुओं ने ताड़ के पत्तों का पंखा सुराही-झंझर चप्पल छाता खरबूज जैसा शीतल फल और सामग्री दान की.कुछ उपवासियों ने तो सरयू तट पर पहुंच घाट के पुरोहितों को दान दी.
अयोध्या : निर्जला एकादशी के उपवास के बाद द्वादशी यानी मंगलवार को श्रद्धालुओं ने ताड़ के पत्तों का पंखा, सुराही-झंझर, चप्पल, छाता, खरबूज जैसा शीतल फल और सामग्री दान की गई। आम उपवासियों ने तो सरयू तट पर पहुंच घाट के पुरोहितों को ऐसी वस्तुएं दान दीं, तो कुछ ऐसे भी रहे, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान कराह उठे तबके को दान का पात्र समझा। कोई और मौका होता, तो दान में प्रयुक्त पारंपरिक वस्तुएं प्रतीकात्मक भी रहतीं पर कोरोना संकट के चलते ऐसी वस्तुओं की अहमियत बढ़ गई है और उस तबके के दिन यह दान बहुत खुशी से स्वीकार किया, जो जरूरतमंद होने के बावजूद आम तौर पर दान का पात्र नहीं समझा जाता। समाजशास्त्री डॉ. सुरेंद्र जायसवाल के अनुसार दान की पात्रता वस्तुत: लोगों की जरूरत को ध्यान में रख कर तय की जानी चाहिए।