दीपोत्सवः भारत-दक्षिण कोरिया के बीच पारस्परिक रिश्तों को मिल रही मजबूती
अयोध्या से दक्षिण कोरिया का रिश्ता वैसे तो सदियों पुराना है लेकिन इसे सहेजने में मोदी और योगी सरकार ने बेहतर सियासी इच्छाशक्ति दिखाई।
अयोध्या (जेएनएन)। दीपोत्सव भारत और दक्षिण कोरिया के रिश्ते को और भी मजबूती देने वाला साबित हुआ। योगी ने अयोध्या की संस्कृति को विश्व पटल पर नई पहचान दिलाने के साथ ही दक्षिण कोरिया से संबंधों को नया आयाम दिलाने का कार्य किया। अयोध्या से दक्षिण कोरिया का रिश्ता यूं तो सदियों पुराना है। इसे सहेजने में मोदी और योगी सरकार ने बेहतर सियासी इच्छाशक्ति दिखाई।
पिछले दीपोत्सव पर योगी ने अयोध्या के विकास के लिए 133 करोड़ की परियोजनाओं का तोहफा दिया था, जिसमें क्वीन हो मेमोरियल पार्क को खास महत्व दिया गया था। इस बार योगी ने 176 करोड़ का उपहार दीपोत्सव दिया है, जिसमें क्वीन हो पार्क के विस्तारीकरण पर सरकार 24.66 करोड़ रुपया खर्च करेगी। रानी हो के लिए प्रदेश सरकार की इस कृतज्ञता की गवाह खुद दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जुंग सूक बनी। गत जुलाई माह में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन की नई दिल्ली में प्रधानमंत्री से मुलाकात हुई थी। दोनों के बीच संबंधों को अटूट बनाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। पांच माह बाद मुख्यमंत्री के निमंत्रण पर दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने अपनी पत्नी को अयोध्या भेजकर मैत्री संबंधों को नया आयाम दिया। अयोध्या के जरिये दक्षिण कोरिया से संबंधों को साधने के पीछे भावनात्मक कारण भी है। कोरिया के करक वंश की पितामही रानी हो अयोध्या की राजकुमारी थीं। करीब दो हजार वर्ष पूर्व वे कोरिया चली गई थीं, जहां उनका विवाह करक वंश के राजा सूरो से हुआ था। इस तरह अयोध्या और दक्षिण कोरिया के बीच पारिवारिक रिश्ता भी है। अपनी पितामही को नमन करने कोरियाई दल पूर्व में भी कई बार अयोध्या आ चुका है। अयोध्या के राजा बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र के यहां कोरियाई दल खास मेहमान होते हैं। विधायक अयोध्या वेदप्रकाश गुप्ता ने कहा कि दक्ष्रिण कोरिया से अयोध्या का रिश्ता काफी पुराना है। अयोध्या विकास चाहती है और मुख्यमंत्री रामनगरी की मंशा को पूरा कर रहे हैं। 176 करोड़ की परियोजनाओं को हरी झंडी देकर उन्होंने अयोध्या-फैजाबाद के प्रति अपनी कृतज्ञता बरकरार रखी है।