दीपोत्सव संग अयोध्या के सांस्कृतिक विकास पर होगा जोर
रामनगरी का दीपोत्सव वैश्विक फलक पर आकर्षण का
अयोध्या: रामनगरी का दीपोत्सव वैश्विक फलक पर आकर्षण का केंद्र बन चुका है। लगातार तीसरी बार दीपोत्सव में विश्व कीर्तिमान बना। साढ़े पांच लाख लक्ष्य के सापेक्ष छह लाख छह हजार 569 जलते दीयों का नया विश्व कीर्तिमान गिनीज बुक में दर्ज हो गया। इस सफलता के पीछे अहम भूमिका निभाने वाले डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि दीपोत्सव ही नहीं बल्कि, अयोध्या के सांस्कृतिक विकास में भी विश्वविद्यालय अहम भूमिका निभाने को तैयार है। इस दिशा में काम शुरू हो गया है।
विवि में श्रीराम शोध पीठ, लोहिया पीठ, डॉ. अंबेडकर पीठ है। इसके साथ लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल अध्ययन केंद्र खोला जा रहा है। उन्होंने बताया कि अवध क्षेत्र के सांस्कृतिक विकास के लिए अवधी भाषा के विस्तार पर कार्य होगा। नए सत्र से अवधी भाषा केंद्र कामकाज करना शुरू हो जाएगा। भोजपुरी भाषा की पढ़ाई इसके आयाम को वृहद रूप से समृद्ध करने वाली होगी। उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप विवि की अकादमिक यात्रा को और भी आगे बढ़ाने पर कार्य चल रहा है। गुणवत्तायुक्त शोध के लिए अलग योजनानुरूप कार्य होंगे। नई शिक्षा नीति को विश्वविद्यालय ने अंगीकार कर लिया। इस शिक्षा नीति की योजना के अनुरूप अध्ययन अध्यापन का कार्य होगा।
कुलपति प्रो. सिंह ने हाल में ही संपन्न दीपोत्सव के आयोजन की सफलता का श्रेय स्वयंसेवकों और टीम लीडर्स को दिया। कहा कि इसमें प्रतिभाग करने वालों को प्रमाणपत्र देकर सम्मान से नवाजा जाएगा। कुलपति ने कहा कि अगली दीपावाली पर सीएम योगी आदित्यनाथ का सपना जरूर पूरा होगा, सात लाख 51 हजार दीयों के प्रज्वलन का नया विश्व कीर्तिमान बनेगा।