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अयोध्या में अपराधी बेलगाम, खाकी नाकाम

अपराधी मस्त पुलिस पस्त और जनता त्रस्त। जिले में इन दिनों हालात ऐसे ही हैं। रामनगरी में अपराध तेजी से सिर उठाने लगे हैं। बेलगाम अपराधियों पर नियंत्रण के मामले में खाकी नाकाम नजर आती है.

By JagranEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 11:34 PM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 06:10 AM (IST)
अयोध्या में अपराधी बेलगाम, खाकी नाकाम
अयोध्या में अपराधी बेलगाम, खाकी नाकाम

अयोध्या : अपराधी मस्त, पुलिस पस्त और जनता त्रस्त। जिले में इन दिनों हालात ऐसे ही हैं। रामनगरी में अपराध तेजी से सिर उठाने लगे हैं। बेलगाम अपराधियों पर नियंत्रण के मामले में खाकी नाकाम नजर आती है। एक महीने के भीतर अपहरण के बाद हत्या, लूट, रंगदारी आदि जघन्य वारदातों की वजह से आम लोगों से लेकर व्यापारी तक दहशत में है। अपराधियों के जेहन से पुलिस का खौफ निकल चुका है। सुरक्षा को लेकर जिले के लोग आशंकित हैं। अगस्त माह की ही बात करें तो अपहरण के बाद हत्या, लूट, छिनैती और रंगदारी की वारदातें सामने आ चुकी हैं। 18 अगस्त को बस्ती जिले के व्यापारी मुहम्मद अहमद के तीन लाख 60 रुपये लेकर कार सवार भाग निकले। व्यापारी को कार सवार बदमाशों ने शहर के सिविल लाइंस क्षेत्र से लिफ्ट दी थी। घटना रौनाही थाना क्षेत्र में हुई। अभी तक बदमाशों को पकड़ना तो दूर पुलिस कार की शिनाख्त भी नहीं कर सकी है। इस घटना के दो दिन बाद कोतवाली नगर क्षेत्र के रिकाबगंज इलाके में स्थित एक बैंक के भीतर बदमाश चंद्रमणि पांडेय के दो लाख 40 हजार रुपये लेकर रफूचक्कर हो गये। दस अगस्त को शहर के रीडगंज इलाके में 60 हजार रुपये की छिनैती हुई। रुदौली, मवई व पटरंगा थाना क्षेत्र में 25 दिन के अंदर तीन हत्याएं हो चुकी हैं, जिसमें दो युवकों को अपहरण के बाद मौत के घाट उतारा गया।

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रंगदारी का मुख्य अभियुक्त पकड़ से दूर

-पुस्तक व्यापारी अंकेश जायसवाल से दस लाख रुपये की रंगदारी मांगने में मुख्य आरोपी गौरव पांडेय और उसका भाई सौरभ पुलिस पकड़ से दूर है। एक अभियुक्त समीर को ही पुलिस अभी तक गिरफ्तार कर सकी है। माना जा रहा है मुख्य अभियुक्त रसूखदार लोगों के संरक्षण में भूमिगत हो गया है।

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सिर्फ वाहन चेकिग तक सिमटी सतर्कता

-अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए फुलप्रूफ योजना नहीं दिखती है। परंपरागत पुलिसिग के सहारे ही अपराध नियंत्रण की कवायद की जा रही है। रात्रिकालीन गश्त भी बंद हो चुकी है। पुलिस की सक्रियता सिर्फ वाहन चेकिग और चालान तक की सिमटी दिखाई पड़ती है।


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