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अंतरिम जमानत व पेरोल पर रिहा हो सकेंगे जेल में निरुद्ध बंदी

जमानत बांड के बजाय निजी मुचलके पर देनी होगी अंडरटेकिगबंदी जेल से भेजेंगे अंतरिम जमानत व पेरोल अर्जीजेल अधिकारी व पैरा लीगल वालेंटियर करेंगे मदद।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 11:41 PM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 11:41 PM (IST)
अंतरिम जमानत व पेरोल पर रिहा हो सकेंगे जेल में निरुद्ध बंदी
अंतरिम जमानत व पेरोल पर रिहा हो सकेंगे जेल में निरुद्ध बंदी

अयोध्या : कोरोना संक्रमण की भवायह स्थिति व जेल में बंदियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सजायाफ्ता व विचाराधीन बंदियों की रिहाई का रास्ता खुल गया है। जेल में निरुद्ध बंदी पेरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा किए जाएंगे। इसकी मंजूरी के बाद बंदियों को जमानत नहीं देना होगा, बल्कि उसे निजी मुचलके पर ही निर्धारित अवधि पर सरेंडर करने की अंडरटेकिग देनी होगी। बंदी को जेल से ही पेरोल या अंतरिम जमानत की अर्जी भेजनी होगी, जिसमें जेल अधिकारी व पैरा लीगल वालेंटियर या संबंधी पैनल अधिवक्ता मदद करेंगे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव के माध्यम से सभी प्रार्थना पत्रों को संबंधित न्यायालय में या अधिकारी के पास भेजा जाएगा। अत्यधिक गंभीर अपराधों में निरुद्ध बंदियों को यह लाभ नहीं मिलेगा।

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश व नए दिशा निर्देशों के मद्देनजर कार्यवाहक जिला जज सैयद अहमद हाशमी ने बुधवार को मातहत न्यायिक अधिकारियों को सर्कुलर जारी किया है। इसी के साथ विशेष अदालतों को गठन भी किया है, जहां वर्चुअल तरीके से ही सुनवाई की जाएगी। सजायाफ्ता बंदियों को जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को 60 दिनों का पेरोल तथा न्यायिक अधिकारियों को 45 दिनों की अंतरिम जमानत देने का अधिकार होगा। गंभीर अपराधों जिनमें विधिक व्यवस्था के अनुसार 60, 90 या 180 दिनों आरोपपत्र अदालत नहीं भेजा गया है, उनमें भी बंदी को अंतरित जमानत दी जा सकेगी। गंभीर मामले में जमानत पाने वाले बंदी अगर जमानत बांड प्रस्तुत न कर पाने के कारण छूट नहीं सके, उन्हें भी अंतरिम जमानत दी जा सकेगी। अंतरिमं जमानत के लिए बीमार, अपंग, बाहर से इलाज पाने वाले, महिला जैसे लोगों को भी अंतरित जमानत मिल सकेगी। अंतरिम जमानत देना न्यायिक अधिकारी के विवेकाधीन होगा।

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आज विशेष अदालतों में सुनवाई

अयोध्या : कार्यवाहक जिला जज ने अंतरिम जमानत अर्जियों पर सुनवाई के लिए विशेष अदालतों का गठन किया है। गुरुवार से शुरू होने वाली विशेष अदालत में विशेष न्यायाधीश पाक्सो द्वितीय सतीश कुमार त्रिपाठी सत्र परीक्षणीय तथा न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय भव्या श्रीवास्तव मजिस्ट्रेटी ट्रायल संबंधी मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से करेंगी। उनका समय क्रमश: दोपहर 12 बजे से साढ़े 12 बजे तथा साढे 12 बजे से एक बजे तक होगा। इन अदालतों का गठन 27 मई तक लिए किया गया है, जिनमें अन्य न्यायिक अधिकारियों की तैनाती की गई है।


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