Ayodhya Ram Mandir : आ रही शुभ बेला...राम की अयोध्या वापसी जैसा होगा भूमि पूजन, जगमगाएंगे मठ-मंदिर और घर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को राम जन्मभूमि पर भूमि पूजन के लिए पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद तैयारियों की निगरानी के लिए शनिवार को रामनगरी पहुंचे।
अयोध्या, जेएनएन। जासु बिरहंं सोचहु दिन राती। रटहु निरंतर गुन गन पांती।
रघुकुल तिलक सुजन सुखदाता। आयउ कुसल देव मुनि त्राता...।।
अर्थात-जिनके विरह में आप दिन-रात सोचते (घुलते) रहते हैं और जिनके गुण समूहों की पंक्तियों को आप निरंतर रटते रहते हैं, वे ही रघुकुल के तिलक, सज्जनों को सुख देने वाले देवताओं तथा मुनियों के रक्षक हमारे राम सकुशल आ गए हैं...।
ये पंक्तियां त्रेता युग में प्रभु राम की वापसी पर हुए उनके भव्य स्वागत को बयां करती हैं, जिसे हम सदियों से दिवाली के रूप में मनाते आ रहे हैं। कहने को रोशनी के पर्व में इस साल अभी चार माह हैं, मगर त्रेता युग जैसी वो चकाचौंध चंद दिन बाद ही रामनगरी समेत पूरी दुनिया देखेगी। तारीखों से उलट यह वैश्विक उल्लास करीब पांच सौ साल तक चली उस लंबी लड़ाई के बाद मनेगा, जिसके चलते राम मंदिर की साध पूरी हो पाई है। यही कारण है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को राम जन्मभूमि पर भूमि पूजन के लिए पहुंच रहे हैं। ऐतिहासिक क्षण में कोई कसर न रह जाए, इसलिए तैयारियां जोरों पर हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद तैयारियों की निगरानी के लिए शनिवार को रामनगरी पहुंचे। पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा खींची। तय हुआ, महज एक दिन का आयोजन नहीं होगा मंदिर का भूमि पूजन। एक अगस्त से करोड़ों राम भक्त खुशियांं मनाना प्रारंभ कर देंगे। अयोध्या के तमाम मठ-मंदिर, सरयू तट ही नहीं, देश-दुनिया का हर देवालय दीपों से जगमग होगा। हर घर रोशनी से लकदक दिखेगा। पटाखे फूटेंगे, लगा दिए जाएंगे मिठाइयों के अंबार...।
कोई शक नहीं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह आह्वान मंदिर निर्माण शुरू होने की खुशी को सुर्खाब के पर लगाने वाला है। हालांकि, गत शनिवार को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों भूमि पूजन की तारीख तय होने के साथ ही रामभक्तों का उल्लास ठांठें मारने लगा था। रामादल ट्रस्ट के अध्यक्ष पं. कल्किराम ने रामनगरी के सभी शिवालयों सहित संपूर्ण सरयू तट को घी के दीपों से रोशन करने की तैयारी शुरू कर दी है। कई अन्य संत-महंत एवं समाजसेवी उत्साह जताने की संभावना तलाशने में लगे हैं। अब इस शनिवार मुख्यमंत्री के रुख से आह्लादित मधुर उपासना परंपरा की शीर्ष पीठ रंगमहल के महंत रामशरणदास कह रहे हैं कि यह अयोध्या का ही नहीं पूरी दुनिया में फैले एक अरब से अधिक रामभक्तों के लिए उत्सव की बेला है। इस स्वत:स्फूर्त उत्सव को वैश्विक स्तर पर संयोजित-संगठित किया जाना चाहिए।
उधर, मुख्यमंत्री के लौटने के बाद तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बयान जारी कर स्पष्ट किया कि यह कितना महनीय अवसर है। प्रधानमंत्री जिस दिन अयोध्या में भूमिपूजन कर रहे होंगे, वह स्वतंत्र भारत का सर्वाधिक महत्वपूर्ण अवसर होगा। इस खुशी में दुनिया भर के रामभक्त शामिल हों। विहिप के अंतरराष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनेशचंद्र कहते हैं, यह अवसर दुनिया भर के रामभक्तों को रोमांचित करने वाला है और भूमिपूजन के क्षणों में यह सच्चाई बखूबी प्रकट भी होगी।
भूमि पूजन के समय जो जहां है, वहीं आराध्य का पूजन करे : ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के अनुसार भूमि पूजन के दिन भारत के बाहर अन्य देशों में निवास करने वाले सभी रामभक्त और देश के संत-महात्मा अपने मठ मंदिर में तथा अन्य सभी श्रद्धालु अपने घर पर परिवार के साथ या अपने निकट के मंदिर में पूर्वाह्न 11:30 से मध्याह्न 12:30 बजे तक भजन-पूजन करें। यदि संभव हो, तो किसी बड़े सभागार में टेलीविजन पर भूमिपूजन का लाइव प्रसारण देखने-दिखाने की व्यवस्था करें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किए रामलला के दर्शन : तय कार्यक्रम के मुताबिक दोपहर करीब डेढ़ बजे हेलीकॉप्टर से हवाई पट्टी पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री सीधे रामजन्मभूमि परिसर पहुंचे। रामलला के दर्शन किए। फिर हनुमानगढ़ी में पवन सुत को नमन किया। इसके बाद कारसेवकपुरम में तराशी जा रहीं शिलाएं देखीं। अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और ट्रस्ट पदाधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग पांच सौ वर्ष लंबे संघर्ष के बाद रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की शुभ बेला आई है। साधु-संत, प्रशासन व जनप्रतिनिधि संयुक्त रूप से वैश्विक आयोजन की तैयारी में जुट जाएं। अयोध्या में भूमि पूजन की पूर्व संध्या से ही दीपावली जैसा दृश्य दिखना चाहिए। इस पावन अवसर को ऐतिहासिक वैश्विक उत्सव के रूप में मनाएं। हर खास और जनसामान्य एक अगस्त से ही उत्सवी माहौल में पूरी तरह रमना शुरू कर दे। चार अगस्त की संध्या तक उल्लास की गूंज दुनिया के कोने-कोने में सुनाई देगी।
कोरोना काल में लाइव प्रसारण से उत्सव के साक्षी बनें रामभक्त : कोरोना संक्रमण की भयावहता की ओर ध्यान दिलाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी के कारण सभी की इस उत्सव में प्रत्यक्ष भागीदारी संभव नहीं है, लेकिन दूरदर्शन पर सजीव प्रसारण के माध्यम से सभी रामभक्त इस उत्सव के साक्षी बन सकेंगे।
स्वच्छता का रखें ध्यान, चमचमा दें रामनगरी : बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने स्वच्छता पर खास जोर दिया। महापौर समेत अन्य अधिकारियों को हिदायत दी कि रामनगरी का चप्पा-चप्पा चमकना चाहिए। कूड़े का तिनका भी नजर न आए। प्रधानमंत्री खुद भी स्वच्छता के हिमायती हैं, इसलिए पावन अवसर पर उसका खास ध्यान रखा जाए।