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पर्यटन मानचित्र पर स्थापित होने को बेकरार रामनगरी

अयोध्या : केंद्र या प्रदेश सरकार के बजट से जन-जन को आस है पर अयोध्या की बात ही अलग है। कर

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Jan 2018 11:57 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jan 2018 11:57 PM (IST)
पर्यटन मानचित्र पर स्थापित होने को बेकरार रामनगरी
पर्यटन मानचित्र पर स्थापित होने को बेकरार रामनगरी

अयोध्या : केंद्र या प्रदेश सरकार के बजट से जन-जन को आस है पर अयोध्या की बात ही अलग है। करीब पौने चार वर्ष पूर्व केंद्र में मोदी सरकार सत्तारूढ़ होने के साथ ही विश्व पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित होने के लिए रामनगरी अंगड़ाई लेने लगी। वह भाजपा ही थी, जिसने अयोध्या को विश्व पर्यटन के क्षितिज पर उभारने का वायदा किया। 1991 से 99 के बीच प्रदेश में तीन बार भाजपा की सरकार बनी और सरकार के नुमाइंदों ने अयोध्या के पर्यटन विकास को बराबर प्रासंगिक बनाए रखा। हालांकि यह परिकल्पना परवान चढ़ती, इससे पूर्व ही प्रदेश की सत्ता ने भाजपा से मुंह मोड़ लिया। 1998 से 2004 तक रही केंद्र की राजग सरकार ने भी अयोध्या के पर्यटन विकास का यत्न किया। उम्मीदें तो पैदा हुईं पर फलीभूत होने तक अयोध्या को वरीयता देने का दावा करने वाली राजग सरकार को केंद्र में आने का अवसर नहीं मिला। वायदा पूरा होने की प्रतीक्षा में रामनगरी ने पूरा एक दशक गुजारा। केंद्र की मोदी सरकार ने रामनगरी से पार्टी के सरोकार को अनदेखा भी नहीं किया। सरकार बनने के एक वर्ष के भीतर ही केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी फैजाबाद आए और उन्होंने फैजाबाद-रायबरेली मार्ग को फोरलेन बनाए जाने के काम का शिलान्यास किया। 2016 में तत्कालीन केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री ने अयोध्या के लिए रामायण पर केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय स्तर के म्यूजियम और रामायण सर्किट विकसित करने का एलान किया। इसे विडंबना ही कहेंगे कि वर्षों बाद भी रामायण म्यूजियम के लिए भूमि की तलाश नहीं पूरी हो सकी है। रामायण सर्किट विकसित किए जाने के तहत हाइवे का निर्माण अवश्य चल रहा है। केंद्र सरकार के ही संरक्षण में 80 करोड़ की लागत से प्रस्तावित अयोध्या रेलवे स्टेशन का उच्चीकरण भी शनै: शनै: साकार हो रहा है। प्रदेश में भी भाजपा की सरकार एवं योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद अयोध्या से जुड़ी उम्मीद और रोशन हुई। मुख्यमंत्री बनने के ढाई माह के भीतर ही योगी आदित्यनाथ अयोध्या पहुंचे और नगरी के पर्यटन विकास एवं बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए 350 करोड़ की योजनाओं का एलान किया। गत वर्ष छोटी दीपावली के दिन योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने के बाद तीसरी बार अयोध्या पहुंचे और अयोध्या की दीपावली को वैश्विक बनाने के आह्वान के साथ 133 करोड़ 30 लाख 25 हजार रुपये की विकास योजनाओं का शिलान्यास किया। इसी दिन मुख्यमंत्री की ही मौजूदगी में एक साथ अधिकाधिक दीप जलाने के लिए नगरी गिनीज बुक आफ व‌र्ल्ड रिका‌र्ड्स में दर्ज हुई। प्रदेश सरकार के प्रयास से अयोध्या में जिन योजनाओं पर काम होने को है, उनमें रामकथा गैलरी एवं क्वीन'हो'मेमोरियल का पर्यटन विकास, साकेत पेट्रोल पंप के निकट बस डिपो का निर्माण, पुराना बस स्टेशन परिसर में पार्किंग निर्माण, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर यात्री शेड का निर्माण, कैंट स्थित पाटेश्वरी मंदिर में सुलभ प्रसाधन एवं पार्किंग का निर्माण, राम की पैड़ी पर घाट निर्माण, स्टोन रे¨लग, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट का निर्माण, गुप्तारघाट पर लैंड स्के¨पग, पार्क डेवलेपमेंट एवं पार्किंग, सिटी वाइड इंटरवेंशन के अंतर्गत नगर में सोलर लाइ¨टग आदि का प्रबंध है। पर्यटन प्रबंधन से जुड़े बिड़ला धर्मशाला के मैनेजर पवन ¨सह कहते हैं, स्थानीय पर्यटन के अपग्रेडेड होने की भावभूमि के अनुसार पर्यटन नगरी का संदेश बुलंद करने के लिए निकट भविष्य में नगरी के मुख्य मार्ग सहित आंतरिक मार्गों का मास्टर प्लान तैयार कर उसे कम से कम दो गुना चौड़ा और भव्य बनाना होगा।

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रामकी पैड़ी को मिले पुनर्जीवन

-इस दिशा में अमल से जहां नगरी की तस्वीर बदलेगी, वहीं पर्यटन मानचित्र पर स्थापित होने की ललक और बुलंद होगी। हालांकि स्थानीय पर्यटन विकास की दिशा में करीब तीन दशक पूर्व अपने निर्माण के समय से ही कसौटी बनी रामकी पैड़ी जहां की तहां उपेक्षित होकर पड़ी है। रामकी पैड़ी को पुनर्जीवन प्रदान करने का जिक्र पूर्व की तरह गत वित्तीय सत्र में भी खूब हुआ पर फिलहाल, यह कोरा ही रहा है।

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महानगरीय स्वरूप ग्रहण करने की अपेक्षा

जुड़वा शहर फैजाबाद को शामिल कर गत वर्ष ही अयोध्या नगर निगम का गठन किया गया। वर्ष बीतते-बीतते नगर निगम का चुनाव हुआ और महापौर पद पर भाजपा के ऋषिकेश उपाध्याय का निर्वाचन इस समीकरण के अनुरूप हुआ कि केंद्र एवं प्रदेश में शासन करने वाली पार्टी का महापौर होने से विकास की संभावना निर्बाध होगी। आसन्न वित्तीय सत्र में यह अपेक्षा स्वाभाविक शिखर पर होगी कि कस्बाई स्तर से ऊपर उठ कर संयुक्त अयोध्या-फैजाबाद महानगरीय स्वरूप ग्रहण करे।

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ऐसा होने से बदलेगी तस्वीर

- आंतरिक यातायात सुचारु बनाने के लिए अयोध्या-फैजाबाद के बीच सिटी बस सेवा

- नियमित हवाई सेवा से जुड़े अयोध्या फैजाबाद

- पर्यटकों के लिए फाइव स्टार होटल की व्यवस्था हो

- अविरल सरयू-निर्मल सरयू का संकल्प साकार किया जाय

- सरयू तट का सुंदरीकरण पौधरोपण, घाटों का निर्माण एवं स्वच्छता सुनिश्चित हो

- तीर्थ नगरियों से सीधी रेल एवं बस सेवा शुरू की जाय

- मार्गों को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाय।


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