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महानगर में मतदाता आठ पर दावेदार 12, जिले में छह नामांकन

अयोध्या भाजपा के संगठनात्मक चुनाव की गहमागहमी जिले भर में महसूस की गई। महानगर इकाई में नामांकन करने वालों का आंकड़ा 12 तक पहुंच गया जबकि मतदाताओं की संख्या सिर्फ आठ ही है। जिला इकाई में अध्यक्ष पद के लिए छह नेताओं ने नामांकन दाखिल किया। चुनाव के मद्देनजर सिविल लाइंस स्थित भाजपा कार्यालय व कनक महल को कड़े सुरक्षा घेरे में रखा गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 11:30 PM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 06:08 AM (IST)
महानगर में मतदाता आठ पर दावेदार 12, जिले में छह नामांकन
महानगर में मतदाता आठ पर दावेदार 12, जिले में छह नामांकन

अयोध्या : भाजपा के संगठनात्मक चुनाव की गहमागहमी जिले भर में महसूस की गई। महानगर इकाई में नामांकन करने वालों का आंकड़ा 12 तक पहुंच गया, जबकि मतदाताओं की संख्या सिर्फ आठ ही है। जिला इकाई में अध्यक्ष पद के लिए छह नेताओं ने नामांकन दाखिल किया। चुनाव के मद्देनजर सिविल लाइंस स्थित भाजपा कार्यालय व कनक महल को कड़े सुरक्षा घेरे में रखा गया।

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सिविल लाइंस स्थित पार्टी कार्यालय में सुबह से ही बैरीकेडिग की गई थी। साथ ही मेटल डिटेक्टर भी लगाया गया था। नामाकंन के दौरान बड़ी संख्या में पार्टी नेता भी कार्यालय पर मौजूद रहे। भाजपा मीडिया प्रभारी दिवाकर सिंह ने बताया कि महानगर में नामांकन करने वालों में वर्तमान महानगर अध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अभिषेक मिश्र, मनोज श्रीवास्तव, मनमोहन जायसवाल, शैलेंद्र कोरी, परमानंद मिश्र, कमलाकांत सुंदरम्, दिनेश मिश्र, रणधीर सिंह डब्लू, प्रमोद मौर्य, स्मृता तिवारी, अरविद सिंह हैं।

वर्तमान जिलाध्यक्ष अवधेश पांडेय बादल, कृष्ण कुमार पांडेय खुन्नू, मगनलाल वर्मा, राधेश्याम त्यागी, संजीव सिंह, रणवीर सिंह इंजीनियर ने जिलाध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया है। प्रांतीय परिषद में सदस्य पद के लिए अयोध्या विधानसभा से शैलेंद्र मोहन मिश्र छोटे व अभय श्रीवास्तव, बीकापुर से इंद्रभान सिंह, मिल्कीपुर से चंद्रबली सिंह, गोसाईंगंज से कमलाशंकर पांडेय, रुदौली से अशोक कसौधन व धर्मेंद्र सिंह ने नामांकन किया। -------------- होती रही नोक-झोंक

-नेताओं में नोकझोंक भी होती रही। महानगर अध्यक्ष पद के चुनाव में दो नेताओं के बीच कहासुनी हुई, जबकि एक-दूसरे पर वोटरों को प्रभावित करने का आरोप-प्रत्यारोप भी लगता रहा। इसी तरह जिलाध्यक्ष पद के चुनाव में भी नेता एक-दूसरे पर मतदाताओं को प्रभावित करने का आरोप लगाते रहे। हालांकि भारी पुलिस बल की मौजूदगी की वजह से किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हुई। -------------- कइयों का कोरम अधूरा -जिला व महानगर इकाई के अध्यक्ष पद के नामांकन में कुल मतदाताओं का कम से कम दस फीसदी बतौर प्रस्तावक व समर्थक होना चाहिए था। जिला इकाई में कुल 40 मतदाता थे, जबकि महानगर में आठ। जिला इकाई में चार व महानगर में एक प्रस्तावक की आवश्यकता थी। महानगर में 12 नेताओं ने अध्यक्ष पद पर नामांकन कर दिया।

सूत्रों के मुताबिक इसमें आधे से ज्यादा नामांकन बगैर प्रस्ताव व समर्थक के हुए। जिला इकाई में भी यही हाल रहा। नामांकन करने वालों में कुछ को प्रस्तावक व समर्थक नहीं मिल सके। हालांकि चुनाव अधिकारियों ने फिलहाल किसी नामांकन को खारिज नहीं किया है। सूत्रों के मुताबिक सभी प्रपत्र प्रदेश कार्यालय को भेजे जाएंगे, जहां दावेदारी पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। ------------- अहम होगी वरिष्ठों की राय -सांगठनिक चुनाव में नामांकन भले ही एक से ज्यादा हुआ हो, लेकिन यह लगभग तय माना जा रहा है कि नेतृत्व मतदान के बजाए वरिष्ठों की सलाह व नेताओं की मेरिट के हिसाब से अध्यक्ष का मनोनयन करेगा। सलाह लेने के लिए वरिष्ठ नेताओं की सूची पहले ही बनाई जा चुकी है। इस सूची में करीब दो दर्जन से ज्यादा नेताओं के नाम शामिल हैं। सूची में पूर्व मंत्री, मौजूदा व पूर्व सांसद एवं विधायकों, महापौर व पूर्व पालिकाध्यक्ष, पूर्व जिलाध्यक्षों आदि को शामिल किया गया है।


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