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अयोध्या का अनुपम उपहार, कनक बिहारी का दरबार

वर्ष भर में तीस हजार फ्रेम चित्रों की होती बिक्री.आयोजनों में आगंतुकों को भेंट किया जाता है कनक बिहारी भगवान का दरबार.

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 06:35 AM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 06:35 AM (IST)
अयोध्या का अनुपम उपहार, कनक बिहारी का दरबार
अयोध्या का अनुपम उपहार, कनक बिहारी का दरबार

अयोध्या : अतिथियों को स्मृतिचिह्न भेंट करने की परंपरा तो विश्वव्यापी है लेकिन धर्म की राजधानी अयोध्या में यह उपहार अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। यहां आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने वाले अतिथि हों या किसी संगठन के प्रतिनिधि, वापसी में उनके साथ यह विशेष उपहार आपको जरूर मिलेगा। जी, हां हम बात कर रहे हैं नगरी की आन-बान और शान कहे जाने वाले कनक बिहारी सरकार की। कनक बिहारी सरकार के मनोहारी विग्रह का चित्र उपहार के रूप में अतिथियों को भेंट करने के लिए धर्मनगरी की पहली पसंद है। देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी कही जाने वाली अयोध्या की पहचान जहां मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की जन्मभूमि और अनेक प्राचीन मठ-मंदिरों से है तो दूसरी ओर अयोध्या के अनुपम उपहार के तौर पर कनक बिहारी सरकार का दरबार प्रतिष्ठित है। अयोध्यावासियों के अलावा बाहर से भी लोग कनक भवन सरकार की फ्रेम फोटो लेने आते हैं। कनक भवन मंदिर परिसर व बाहर की दुकानों पर यह तस्वीर सजी रहती है। वर्ष भर में तकरीबन तीस हजार से अधिक चित्र रामभक्त ले जाते हैं। एक-एक प्रतिष्ठान से युगल सरकार के औसतन साढ़े सात हजार चित्रों की बिक्री होती है। तकरीबन 40 वर्ष से कनक भवन दरबार की फ्रेमिग करने वाले रमेश कुमार पाठक बताते हैं कि महीने में तकरीबन छह सौ फ्रेम फोटो लोग ले जाते हैं। मंदिर परिसर के बाहर ही शिवशंकर दास की दुकान है। वह खुल कर तो कुछ नहीं बताते लेकिन यह जरूर स्वीकार करते हैं कि जितनी तस्वीरें सभी देवी देवताओं की मिल कर लोग ले जाते हैं उतनी अकेले ही कनक भवन दरबार की डिमांड है। तुलसी उद्यान के सामने दुकान लगाने वाले असलम भी कहते हैं कि कनक भवन भगवान की तस्वीर की अधिक मांग है। वे बताते हैं कि सरकारी गैर सरकारी कार्यक्रमों में तो इसी चित्र की मांग होती है। एक अन्य दुकानदार राम अवध भी यही बताते हैं। वे फ्रेम मढ़ने का कार्य तो नहीं करते लेकिन कहते हैं कि इन्हीं दुकानों से लाकर हजारों तस्वीरें वर्ष में बेच लेते हैं।

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शैक्षणिक, राजनीतिक व धार्मिक कार्यक्रमों की पहली पंसद

अयोध्या: अमूमन किसी भी कार्यक्रम में अतिथियों के स्वागत के लिए प्रतीक चिह्न प्रदान किया जाता है। रामनगरी में इस प्रतीक चिह्न की जगह कनक भवन दरबार का चित्र भेंट करने की परंपरा है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के मंडलीय मंत्री चंदेश्वर पांडेय बताते हैं कि यहां अधिवेशन दोहरी मांग को देखते हुए आयोजित किया जाता है। एक तो लोग दर्शन पूजन करते हैं और दूसरी ओर कनक भवन की तस्वीर खरीदते हैं। वे बताते हैं कि किसी आयोजन में अतिथियों को उपहार स्वरूप इसे ही प्रदान किया जाता है।

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विशेष डिमांड पर सजती है तस्वीर

अयोध्या: इस तस्वीर को लोगों को सुलभ कराने वाले विनोद कुमार पाठक बताते हैं कि लोग इस तस्वीर को विशेष डिमांड पर बनवाते हैं। वे बताते हैं कि कई साइज में यह चित्र उपलब्ध है। बड़ी साइज फोटो घरों के ड्राइंग रूम में भी लगाई जाती है। पूजा स्थल पर रखा जाता है। विनोद का कहना है कि एक एक ग्राहक हजार-हजार प्रति की फ्रेमिग कराते हैं।

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विदेशियों को भी मोहते युगल सरकार

अयोध्या: जानकी महल के पुजारी पंकज मिश्र बताते हैं कि देश के कोने कोने से लोगों की पंसद भी यही तस्वीर है। वे कहते हैं कि कई बार तो विदेशी पर्यटकों के हाथ में भी कनक भवन दरबार का चित्र देखने को मिलता है।


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