कोरोना संकट को देख बंद हुए मुख्य मंदिरों के द्वार
कोरोना संकट को देखते हुए मुख्य मंदिरों के द्वार बंद कर दिए गए हैं। इसके पीछे मकसद यह है कि मंदिर में श्रद्धालु एकत्रित न होने पाएं। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा एवं एसएसपी शैलेश पांडेय ने कोरोना से बचाव की गाइड लाइन का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए प्रमुख मंदिरों का भ्रमण किया।
अयोध्या : कोरोना संकट को देखते हुए मुख्य मंदिरों के द्वार बंद कर दिए गए हैं। इसके पीछे मकसद यह है कि मंदिर में श्रद्धालु एकत्रित न होने पाएं। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा एवं एसएसपी शैलेश पांडेय ने कोरोना से बचाव की गाइड लाइन का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए प्रमुख मंदिरों का भ्रमण किया। दोनों अधिकारियों के अनुरोध पर अमल करते हुए तत्काल प्रभाव से नागेश्वरनाथ, हनुमानगढ़ी, कनकभवन, दशरथमहल आदि मंदिरों का मुख्य द्वार बंद कराया गया। मंदिरों में भगवान की पूजा और उत्सव परंपरागत ढंग से मनाया जाएगा, पर इस प्रक्रिया में में मंदिर के लोग ही शामिल रह कर मुख्य द्वार की जगह संपर्क द्वार का इस्तेमाल करेंगे। हनुमानगढ़ी के पुजारी हेमंतदास ने इस पहल का स्वागत किया तथा कहा, लोगों को कोरोना से बचाने के लिए हम संतों की जिम्मेदारी कहीं अधिक है। हनुमानगढ़ी से जुड़े शीर्ष महंत ज्ञानदास ने कहा, कोरोना संकट को देखते हुए श्रद्धालु इस बार अपने-अपने घर से ही रामलला एवं बजरंगबली को प्रणाम करें।
कोरोना के चलते कामाख्या भवानी धाम के कपाट बंद
रुदौली (अयोध्या) : कोरोना महामारी के चलते सिद्धपीठ मां कामाख्या भवानी धाम के कपाट सोमवार से भक्तों के लिए बंद कर दिये गये। पुजारी बृजकिशोर मिश्र ने बताया कि कोरोना संकट को देखते हुए प्रशासन के आग्रह पर कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिये गये हैं। आरती, पूजन, श्रृंगार आदि सभी कार्य अपने निर्धारित समय पर चलते रहेंगे। जब तक कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण नहीं पाया जा सकेगा, तब तक धाम के कपाट बंद रखे जाएंगे। सोमवार की भोर मंदिर के पुजारी ने मां भवानी की आरती, पूजन, श्रृंगार कर कपाट बंद कर दिये।