मॉरीशस में सात फेरे लेंगे रामनगरी के राम व सीता
अयोध्या अयोध्या की रामलीला का दीदार करने के लिए न सिर्फ देश में उत्सुकता रहती है बल्कि वैश्विक फलक पर भी रामनगरी के स्वरूप को जानने-समझने की जिज्ञासा दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसी का नतीजा है कि गत वर्षाें में तकरीबन आठ देशों में रामनगरी की रामलीला को प्रतिष्ठा मिल चुकी है।
अयोध्या : अयोध्या की रामलीला का दीदार करने के लिए न सिर्फ देश में उत्सुकता रहती है बल्कि वैश्विक फलक पर भी रामनगरी के स्वरूप को जानने-समझने की जिज्ञासा दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसी का नतीजा है कि गत वर्षाें में तकरीबन आठ देशों में रामनगरी की रामलीला को प्रतिष्ठा मिल चुकी है। अलग-अलग देश के लोगों ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के आदर्श चरित्र को जाना और समझा है। इस साल भी अयोध्या का रामलीला दल विदेश जा रहा है, जो अगस्त में पहलीबार मॉरीशस में राम की लीलाओं का मंचन करते नजर आएंगे। ये कलाकार मूल रूप से अयोध्या के हैं। यहां की शैली में ही प्रभु राम के विविध प्रसंगों का मंचन भी करेंगे। समझा जा रहा है कि कलाकारों की ये यात्रा मॉरीशसवासियों को रामनगरी से जोड़ने में सहायक बनेंगे। रामलीला के कलाकार वहां रामजन्म, राम विवाह, धनुष यज्ञ, राज्याभिषेक, वनगमन, सीता हरण व रावण बध के प्रसंगों का मंचन कर रामनगरी के वैशिष्टको परिचित कराएंगे। भगवान राम व सीता के सात फेरे का मंचन भी करेंगे। प्रदेश में योगी की ताजपोशी के बाद से इस दिशा में तेजी आई। गत कुछ वर्षों में विदेश रामलीला का मंचन देशभर के विभिन्न शहरों में हुआ। प्रदेश के राजधानी लखनऊ, प्रयागराज व अयोध्या में तो बैंकाक, इंडोनिया सहित कई देशों के कलाकार रामलीला का मंचन कर चुके हैं। इसी तरह अयोध्या की रामलीला अब तक त्रिनिनॉड, टोबैगो, सूरीनाम, न्यूजीलैंड, गयाना, फिजी में अपनी छाप छोड़ चुकी है। थाईलैंड में तो दो बार अयोध्या के रामलीला मंडली के कलाकार जा चुके है। एक बार अयोध्या और एक बार गोरखपुर का दल शामिल रहा। अगस्त में होने वाले आयोजन की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसमें 15 कलाकार व सांस्कृतिक विभाग के दो अधिकारी जाएंगे। अयोध्या शोध संस्थान के जिम्मेदार इससे उत्साहित है। कहते हैं कि भारत व अन्य देशों के बीच सांस्कृतिक आदान प्रदान तेजी से बढ़ रहा है, जो सुखद है। उन्होंने बताया कि वहां राम विवाह के प्रसंग का मंचन भी होगा।