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अहिल्या उद्धार और सीता स्वयंवर का मनोहारी मंचन

सितारों से सज्जित अयोध्या की रामलीला की तीसरी प्रस्तुति में श्रीराम के अद्भुत-अलौकिक चरित्र का मर्म परिभाषित करने वाले अहिल्या उद्धार और सीता स्वयंवर का मनोहारी मंचन दर्शकों को विभोर करने वाला रहा.

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 12:39 AM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 05:09 AM (IST)
अहिल्या उद्धार और सीता स्वयंवर का मनोहारी मंचन
अहिल्या उद्धार और सीता स्वयंवर का मनोहारी मंचन

अयोध्या : श्रीराम के अद्भुत-अलौकिक चरित्र का मर्म परिभाषित करने वाले अहिल्या उद्धार और सीता स्वयंवर का मनोहारी मंचन दर्शकों को विभोर करने वाला रहा। पुण्य सलिला सरयू के तट पर स्थित रसिक उपासना परंपरा की शीर्ष पीठ लक्ष्मणकिला के परिसर में सोमवार को सितारों से सज्जित नौ दिवसीय रामलीला की तीसरी प्रस्तुति का मौका था। परंपरा के अनुरूप शुरुआत गणेश वंदना से हुई। पूर्व की दो प्रस्तुति की तरह गणेश वंदना कलाकारों की लयात्मकता और समुचित तैयारी की परिचायक बनी। ..तो प्रसंग विस्तार के साथ अगले ²श्य में ऋषि विश्वामित्र का आश्रम प्रस्तुत होता है। जहां श्रीराम भ्राता लक्ष्मण के साथ अमोघ अस्त्र-शस्त्र का अभ्यास करते नजर आते हैं। श्रीराम की भूमिका में कई प्रमुख चैनल पर प्रसारित सीरियल में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके सोनू डागर पूरा न्याय करते नजर आते हैं। लक्ष्मण की भूमिका में लवकेश धालीवाल भी छाप छोड़ते प्रतीत होते हैं। इसी बीच जनकपुर से दूत आता है और विश्वामित्र को सीता स्वयंवर का निमंत्रण देता है। कुछ पल विचार के बाद ऋषि श्रीराम एवं लक्ष्मण के साथ जनकपुर की ओर प्रस्थान करते हैं। मार्ग में शिला बनीं अहिल्या का उद्धार कर श्रीराम अपनी चमत्कारिक साम‌र्थ्य के साथ उदात्त और मानवीय चरित्र प्रस्तुत करते हैं। अहिल्या का दैन्य और श्राप मुक्ति का चित्रण दर्शकों की आंखें नम कर जाता है। स्वयं में संयत और धीर-गंभीर राम अहिल्या का उद्धार करने के बाद ऋषि विश्वामित्र और अनुज लक्ष्मण के साथ जनकपुर की ओर बढ़ते हैं। जनकपुर पहुंच विश्वामित्र श्रीराम एवं लक्ष्मण के साथ राजर्षि जनक से मिलते हैं। जनक विश्वामित्र का स्वागत करने के साथ साथ आये दोनों राजकुमारों से प्रभावित होते हैं। विश्वामित्र श्रीराम और लक्ष्मण कापरिचय देते हैं। इस बीच ऋषि के आदेश से जनकपुर का अवलोकन करने निकलते हैं। श्रीराम और लक्ष्मण की छवि से जनकपुर वासी हर्षित होते हैं। इसके बाद दोनों भाई गुरु पूजन के लिए पुष्प लेने जनकपुर की पुष्प वाटिका में जाते हैं। इसी बीच मंच पर सीता प्रस्तुत होती हैं। सीता की भूमिका में हरियाणवी फिल्मों की अभिनेत्री कविता जोशी मां सीता को जीवंत कर रही होती हैं। इसी बीच सीता की एक सखी की ²ष्टि श्रीराम पर पड़ती है और वह उन्हें देखकर ठगी सी रह जाती है। श्रीराम और सीता को भी एक-दूसरे का भान होता है। अगले ²श्य में उद्घोषक नगरवासियों को सीता स्वयंवर की सूचना दे रहा होता है और अगला ²श्य सीता स्वयंवर का होता है। सभागार में भांति-भांति के राजा-राजकुमार पहुंचते हैं और बंदी जन उन्हें आदरपूर्वक आसन ग्रहण कराते हैं। सभागार में राम-लक्ष्मण सहित विश्वामित्र का प्रवेश होता है। छोटे पर्दे के दिग्गज कलाकार अवतार गिल जनक की भूमिका से पूरा न्याय कर रहे होते हैं और पूरी विनम्रता से अपने आसन से खड़े होकर ऋषि एवं राम-लक्ष्मण का स्वागत करते हैं। स्वयंवर की प्रक्रिया के बीच सीता का सखियों सहित आगमन होता है। इस बीच अनेकानेक राजा स्वयं को आजमाने के लिए आगे बढ़ते हैं, पर वे धनुष को हिला भी नहीं पाते। सारे राजा एक साथ धनुष उठाने का प्रयास करते हैं, पर वे असफल होते हैं और जनक को दुख होता है। अंत में विश्वामित्र राम को धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाकर जनक का शोक दूर करने की आज्ञा देते हैं और पूरी सहजता से धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाते हैं। इसी के साथ धनुष टूट जाता है।

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रावण-बाणासुर को देखते ही ठिठकी निगाहें

- यद्यपि ²श्य सीता स्वयंवर का ही होता है, पर सबकी निगाहें स्वयंवर के आगार में पहुंचे रावण एवं बाणासुर को देखते ही ठिठक जाती हैं। रावण की भूमिका में चंद्रकांता फेम शाहबाज खान रावण की छवि के अनुरूप पूरी तड़क-भड़क के साथ स्वयंवर का आमंत्रण न देने के लिए जनक को उलाहना देते हैं। मेजबान के रूप में जनक रावण के प्रत्युत्तर में पूरी विनम्रता का परिचय देते हैं। इस बीच बाणासुर रावण को धनुष उठाने के लिए आमंत्रित करता है। जवाब में रावण आत्म प्रशंसा करता है और धनुष उठाने की शर्त को स्वयं के लिए लज्जाजनक घोषित करता है। बाणासुर तो यह कहकर धनुष उठाने से इंकार करता है कि यह धनुष मेरे गुरु शिव का है और सीता मेरी मां हैं। जबकि रावण पूरे दंभ से धनुष की ओर बढ़ता है, तभी आकाशवाणी होती है कि लंका में कोई राक्षस उसकी रानियों का हरण कर रहा है। रावण क्रोधित हो स्वयंवर के आगार से लंका के लिए प्रस्थान करता है।

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लाइव प्रसारण का समुचित प्रबंध

- मिशन शक्ति अभियान के प्रचार-प्रसार व नारी सशक्तिकरण को लेकर के जनजागरण के लिए मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल व जिलाधिकारी अनुज कुमार झा के निर्देश पर सूचना विभाग ने जिला में 25 एलईडी वैन व 15 डिस्पले बोर्ड लगाए हैं। उप निदेशक सूचना डॉ. मुरलीधर सिंह ने बताया कि ब्लॉक, तहसील सहित मुख्यालय पर बड़ी संख्या में होर्डिंग्स लगाई गई है। एलईडी वैन के जरिए सायं सात से रात 10 बजे तक अयोध्या में चल रही रामलीला का सीधा प्रसारण संयोजित है। कोरोना संकट को ध्यान में रखकर मंचन स्थल पर दर्शकों को आने की इजाजत नहीं है और इसकी भरपाई डीडी नेशनल पर लाइव प्रसारण के साथ सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों पर लाइव प्रसारण से हो रही है।


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