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मध्यस्थता के नए राग को राम नगरी के संतों ने बताया बेसुरा

आज जब सुप्रीम कोर्ट में चल रही नियमित सुनवाई के बीच मंदिर-मस्जिद विवाद के जल्द निराकरण की उम्मीद जगी

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 11:10 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 11:10 PM (IST)
मध्यस्थता के नए राग को राम नगरी के संतों ने बताया बेसुरा
मध्यस्थता के नए राग को राम नगरी के संतों ने बताया बेसुरा

- इस दिशा में पहल मंदिर-मस्जिद विवाद के समाधान की राह में अवरोध

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चित्र- 52 से 58

संवादसूत्र, अयोध्या : आज जब सुप्रीम कोर्ट में चल रही नियमित सुनवाई के बीच मंदिर-मस्जिद विवाद के जल्द निराकरण की उम्मीद जगी है, तब मध्यस्थता के नए राग से रामनगरी के संतों में बेचैनी है। रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास ने कहा, मध्यस्थता से मंदिर-मस्जिद विवाद के समाधान की कल्पना तो सुखद लगती रही पर यथार्थ के धरातल पर इस दिशा में की गई कोशिशें निराशाजनक रही हैं।

इसी वर्ष के पूर्वार्ध में मध्यस्थता को लेकर किए गए प्रयास का निराशाजनक हश्र सामने आने के बावजूद मध्यस्थता का नया राग हैरान करने वाला है। अदालत में दशकों तक राममंदिर की पैरोकारी करते रहे नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास ने कहा, मध्यस्थता से मसले से हल की कोशिशें सैद्धांतिक तौर पर स्वागतयोग्य रही हैं पर नए सिरे से मध्यस्थता के प्रयास की टाइमिग संदेह पैदा करने वाली है। महंत रामदास के अनुसार नियमित सुनवाई के दौरान दूध का दूध और पानी का पानी हो रहा है, ऐसे में मध्यस्थता का औचित्य ही नहीं रह गया है। राममंदिर के प्रति आग्रह के पर्याय बनकर उभरे तपस्वी जी की छावनी के महंत परमहंसदास ने कहा, ऐसी कोशिश के पीछे मंदिर निर्माण में रोड़ा अटकाने की साजिश का अंदेशा हो रहा है। इस तरह की कोशिश को किसी भी दृष्टि से उचित नहीं कहा जा सकता। विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा, मध्यस्थता का राग वे लोग छेड़ रहे हैं जो मुकदमे में संभावित हार से भयभीत हैं और सच्चाई यह है कि वे संकीर्ण स्वार्थों के चलते इस विवाद का हल नहीं होने देना चाह रहे हैं और अब मध्यस्थता के बहाने मसले के हल में बाधा पैदा करना चाहते हैं। मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे वशिष्ठ भवन के महंत डॉ. राघवेशदास ने कहा, मध्यस्थता का नया राग पूरी तरह से बेसुरा और बेचैनी करने पैदा करने वाला है। मुस्लिम छोड़ें मस्जिद का दावा

- मंदिर निर्माण की मुहिम चलाने वाले मुस्लिम नेता बब्लू खान ने कहा, मुस्लिमों के पास अभी समय है और वे रामजन्मभूमि से मस्जिद का दावा छोड़ कर मिसाल कायम करें। इससे हिदुओं-मुस्लिमों के रूप में भारत मां के दोनों पुत्रों का बंधुत्व मुकर्रर होगा बल्कि राममंदिर के साथ राष्ट्रमंदिर की मीनार बुलंद होगी।

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हमें अदालत पर पूरा भरोसा

- बाबरी मस्जिद के पक्षकार मो. इकबाल ने कहा, हमें अदालत पर पूरा भरोसा है और अदालत को यदि अभी भी लगता है कि मध्यस्थता से मसले का हल संभव है, तो हम उसके लिए भी तैयार हैं।


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