अयोध्या में बनेगी भगवान श्रीराम की भव्य प्रतिमा, दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची प्रतिमा
योगी आदित्यनाथ सरकार अयोध्या में श्री राम की ऐतिहासिक मूर्ति बनाने की तैयारी कर रही है। प्रस्तावित मूर्ति की कुल ऊंचाई 403 फुट के आसपास हो सकती है।
अयोध्या [रमाशरण अवस्थी/आनंदमोहन]। रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण से संबंधित भारतीय जनता पार्टी के वायदे का क्या होगा, यह तो भविष्य के गर्भ में है पर भाजपा सरकार इसकी भरपाई करती जरूर नजर आ रही है। अयोध्या में करीब आठ सौ करोड़ की लागत से 151 मीटर ऊंची भगवान राम की ऐसी भव्य प्रतिमा स्थापित करने का खाका बना है जो न केवल अयोध्या की भव्यता में चार चांद लगाएगी बल्कि मंदिर निर्माण को लेकर जो लोग मौजूदा सरकार पर उदासीनता का आरोप लगा रहे हैं, उनके लब भी खामोश होंगे।
योगी आदित्यनाथ सरकार अयोध्या में श्री राम की ऐतिहासिक मूर्ति बनाने की तैयारी कर रही है। प्रस्तावित मूर्ति की कुल ऊंचाई 403 फुट के आसपास हो सकती है। संभावना जताई जा रही है कि दीपावली के एक दिन पहले दीपोत्सव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसकी घोषणा कर सकते हैं। यहां पर प्रस्तावित प्रतिमा की जो ऊंचाई प्रस्तावित है, वह उसे विश्व की तीसरी सबसे ऊंची प्रतिमा का गौरव भी प्रदान करेगी।
इस बार दीपोत्सव को लेकर रामनगरी को जिस तरह सजाया-संवारा जा रहा है, उसे देखकर रामनगरी की अस्मिता का हामी कोई भी निहाल हो सकता है। रामनगरी को गौरवांवित करने संबंधी प्रदेश सरकार का अभियान इतने पर ही रुकने वाला नहीं है। भगवान राम की प्रतिमा के साथ पूरे क्षेत्र में जो स्मारक तैयार होगा उसकी अनुमानित लागत आठ सौ करोड़ आंकी गई है। इतनी बड़ी राशि से प्रतिमा के साथ रामनगरी न केवल विश्व पर्यटन के अहम घटक के तौर पर अधिष्ठित होगी, बल्कि इससे भगवान राम का इकबाल भी वैश्विक स्तर पर बुलंद होगा।
प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की इस तैयारी से भाजपा के उन विरोधियों के कान भी खड़े होने लगे हैं, जो मंदिर मुद्दे पर भाजपा को घेरने की हसरत रखते हैं। शिवसेना के प्रदेश अध्यक्ष अनिल सिंह कहते हैं, मंदिर निर्माण का कोई विकल्प नहीं है।
भाजपा नेतृत्व चाहे जितनी कवायद कर ले पर उसे मंदिर निर्माण से जुड़ी अपनी जिम्मेदारी स्वीकारनी होगी और इस जिम्मेदारी से पल्ला झाडऩे पर उसे वादाखिलाफ ही कहा जाएगा। तिवारी मंदिर के महंत गिरीशपति त्रिपाठी एवं निष्काम सेवा ट्रस्ट के व्यवस्थापक महंत रामचंद्रदास जैसे लोगों की कमी नहीं है, जो यह तो कहते हैं कि भगवान राम की भव्य प्रतिमा एवं रामनगरी को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित करने की पहल तथा रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण सिक्के के दो पहलू की तरह हैं पर अयोध्या को इतनी गहन गरिमा प्रदान करने की पहल निश्चित रूप से स्वागतयोग्य है। इससे रामलला को मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर में विराजमान देखने की खिन्नता पर मरहम लगेगा, इस तथ्य से भी नहीं इन्कार किया जा सकता।
राम की पैड़ी की होगी रीमॉडलिंग
योगी आदित्यनाथ सरकार ने राम की पैड़ी की रीमॉडलिंग परियोजना को हरी झंडी दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिलान्यास कराने की सिंचाई विभाग की तैयारी अंतिम चरण में है। 29 करोड़ की परियोजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री से कराया जाना है। दीपोत्सव के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को छह नवंबर को अयोध्या आना है। कार्तिक मेला के बाद रीमॉडलिंग परियोजना पर कार्य शुरू होगा। इसमें राम की पैड़ी की क्षमता 40 क्यूसेक से बढ़ाकर 240 क्यूसेक की जानी है। सरयू नदी से पानी लिफ्ट करने की क्षमता बढ़ जाने से हरि की पैड़ी की तर्ज पर राम की पैड़ी में अविरल प्रवाह बनाए रखने का दावा सिंचाई विभाग के इंजीनियर करते हैं।
योगी आदित्यनाथ कर सकते हैं शिलान्यास
दीपोत्सव में अयोध्या आ रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ छह नवंबर को यहां विश्राम करेंगे। अगले दिन सात को योगी आदित्यनाथ भगवान राम की प्रतिमा के लिए प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण व शिलान्यास भी कर सकते हैं।
खास बातें :
-मंदिरनुमा छतरी के नीचे होगी श्रीराम की 151 मीटर ऊंची प्रतिमा
-50 मीटर के प्लेटफार्म पर होगा देश-विदेश की रामकथा का अंकन
-अभिषेक एवं माल्यार्पण के लिए बाहर से की जाएगी व्यवस्था
-फोरलेन ओवरब्रिज से रेलवे ओवरब्रिज के बीच लगेगी प्रतिमा
-20 हेक्टेयर जमीन होगी अधिग्रहीत, किसानों को मिलेगा मुआवजा
-डिजाइन के लिए आर्किटेक्ट के नाम पर अभी सीएम योगी की लगनी है मुहर।
विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमाएं
-अहमदाबाद में स्थापित की गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी : 182 मीटर।
-चीन में स्थापित स्प्रिंग टेम्पल बुद्धा : 153 मीटर।
-अयोध्या में प्रस्तावित राम की भव्य प्रतिमा : 151 मीटर
-यूएसए के न्यूयार्क में स्थापित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी : 93 मीटर।