अयोध्या [आनंद मोहन]। श्रीराम की नगरी अयोध्या को लेकर एक सुप्रीम फैसले ने यहां के नगर निगम का भूगोल बदल दिया। आनन फानन में 17 और राजस्व ग्राम जोड़े गए। पहले 24 राजस्व ग्राम नगर निगम में शामिल होने थे। अब राजस्व ग्रामों की संख्या बढ़कर अब 41 हो गई है।
सीमा विस्तार से अयोध्या के विकास के नए द्वार खुलेंगे जो जमीन की कमी से बाधित थे। प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। प्रस्ताव में वह राजस्व ग्राम जुड़े हैं जिनका क्षेत्रफल में से 50 फीसद आबाद हो चुका है। प्रस्तावित राजस्व ग्रामों में राजकीय पॉलीटेक्निक, एयरपोर्ट, डॉ. भीमराव अंबेडकर क्रीड़ा संकुल, राजकीय मेडिकल कॉलेज आदि महत्वपूर्ण संस्थान स्थित हैं। ऐसा करने के पीछे नगर निगम को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की मंशा है।
शासन से सीमा विस्तार के प्रस्ताव की मंजूरी के बाद प्रस्तावित ग्रामों के बारे में अधिसूचना जारी कर आपत्ति मांगी जाएगी। आपत्ति निस्तारण के बाद प्रस्तावित राजस्व ग्रामों के नगर निगम में शामिल होने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद रामनगरी के विकास के लिए नगर निगम का सीमा विस्तार जरूरी हो गया है। बिना सीमा विस्तार के रामनगरी की गरिमा के अनुसार विकास संभव नहीं है।
सीमा विस्तार में प्रस्तावित राजस्व ग्राम
अब्बूसराय, गद्दोपुर, खोजनपुर, पहाडग़ंज, उसरू, पूरे हुसैन खां, जनौरा, सुल्तानपुर बछड़ा, कोरखाना, मक्खापुर, नंदापुर, देवकाली, शाहजहांपुर, रानोपाली, तकपुरा, मक्खापुर, हैवतपुर, शहनेवाजपुर उपरहार, माझा बरहटा, जियनपुर, ग्राम आसिफबाग माझा शाहनेवाजपुर नगर निगम के सीमा विस्तार में शामिल हैं। बनबीरपुर, गोपालपुर, मऊयदुवंशपुर, पलियाशाहबदी, हासापुर, डाभासेमर, चांदपुर हरवंश, मलिकपुर, गंजा, काजीपुर, धर्मपुर सआदत, मिर्जापुरमाफी, मिर्जापुर उपरहार, शमशुद्दीनपुर, सहनवां, कुसमाहा, कुढ़ाकेशवपुर उपरहार एवं माझा प्रस्तावित बताए गए हैं।
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप
1952 से 2019 तक इन राज्यों के विधानसभा चुनाव की हर जानकारी के लिए क्लिक करें।