संकट के बीच वैकल्पिक चिकित्सा का खड़ा हो रहा ढांचा
कोरोना संकट के बीच वैकल्पिक चिकित्सा का ढांचा भी
अयोध्या : कोरोना संकट के बीच वैकल्पिक चिकित्सा का ढांचा भी खड़ा होता दिख रहा है। हालांकि, दारोमदार एलोपैथी पर ही है, कितु संकट में सहायक के तौर पर होम्योपैथी और आयुर्वेद सहित योग भी अपनी उपयोगिता साबित कर रहा है। यह सच्चाई कतिपय स्थानीय वैकल्पिक चिकित्सा के केंद्रों और सामने आई योग की कक्षाओं से भी बयां हो रही है।
सुबह के आठ बजे हैं। पौराणिक महत्व की पीठ नाका हनुमानगढ़ी की ओर से संचालित हनुमत आयुर्वेद धर्मार्थ चिकित्सा केंद्र पर दो दर्जन के करीब मरीज शारीरिक दूरी का पालन करते हुए डटे हैं। पीठाधिपति महंत रामदास कोरोना से डरने की बजाय उसका सामना करने का सुझाव दे रहे होते हैं, जबकि चिकित्सक डॉ. शैलेश पांडेय मरीजों को अनिवार्य रूप से काढ़ा का पैकेट के साथ जरूरत के हिसाब से अन्य औषधियां भी देते हैं। वे कहते हैं, कोरोना का इलाज भले एलोपैथ में हो पर उससे बचाव के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और शरीर को स्वस्थ रखने में आयुर्वेदिक औषधियां भी सक्षम है। काढ़ा एवं च्यवनप्राश का सेवन तो सबसे उपयोगी सहायक औषधि के रूप में भी स्वीकृत हो चुका है।
महंत रामदास के अनुसार गत एक माह से कोरोना को मात देने वाले काढ़ा का पैकेट सहित अन्य आवश्यक औषधियां मुफ्त दी जा रही हैं। वे कहते हैं कि मंदिरों की भूमिका प्रारंभ से ही पारलौकिक और इहलौकिक तौर पर लोगों की सहायता करने की थी और इसी विरासत के अनुरूप नाका हनुमानगढ़ी का धर्मार्थ चिकित्सा केंद्र लोगों की मदद के लिए प्रतिबद्ध है। मर्मज्ञ होम्योपैथ एवं श्रीराम अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ अजय कुमार गुप्त पिछले एक माह में दो सौ के करीब कोरोना के मरीजों को ऑनलाइन सुझाव दे चुके हैं और उनके सुझाव के अनुरूप होम्योपैथी की कुछ चिर-परिचित औषधियों से ही 60 से 70 प्रतिशत मरीजों का कोरोना टेस्ट नेगेटिव आ चुका है। वे कहते हैं कि कोरोना से संघर्ष में होम्योपैथ और आयुर्वेद की भी अहम भूमिका सिद्ध हो रही है। वैकल्पिक चिकित्सा के पाठ्यक्रम के स्नातकों का उपयोग करते हुए कोरोना संकट का सफलतापूर्वक सामना करें। कोरोना संकट के बीच स्वास्थ्य बेहतर रखने की पारंपरिक विधा योग भी नए सिरे से अपनी प्रासंगिकता साबित कर रहा है।
वासुदेवघाट तिराहा स्थित भाजपा के महानगर महामंत्री परमानंद मिश्र के पंचमुखी हनुमान मंदिर स्थित आवासीय परिसर में मुसीबत के वक्त योग केंद्र विकसित हो गया है। स्वामी अवधेशानंद के मार्गदर्शन में नित्य दर्जनों लोग जल नेती से लेकर श्वांस नलिका स्वच्छ एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले योगासन से स्वयं को बेहतर पा रहे हैं। रामघाट स्थित अंतरराष्ट्रीय योग केंद्र विवेक सृष्टि प्रख्यात योगाचार्य डॉ. चैतन्य के मार्गदर्शन में कोरोना के सामने डट कर खड़ा है। कोरोना संकट की शुरुआत से ही इस केंद्र ने साबित किया कि कोरोना से कैसे मुकाबिल हुआ जा सकता है। औषधियों की यह किट भी कारगर हो रही
क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. बीएन श्रीवास्तव के अनुसार जिले के 21 राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों के माध्यम से गत पखवारे भर के दौरान कोरोना के दो हजार से अधिक मरीजों को आयुर्वेदिक औषधियों की पूरी किट दी गई है और इसके उत्साहपूर्ण परिणाम सामने आ रहे हैं। इन औषधियों में आयुष काढ़ा, आयुष- 64 बटी, अमृतारिष्ट, अश्वगंधारिष्ट जैसी औषधियां हैं, जो कोरोना से उबरने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी काफी मददगार है।