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कोविड-19 के बाद नई भूमिका में होगा भारत : कुलश्रेष्ठ

अयोध्या डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में राम नाम अवलंबन एक विषय पर आयोजित तीन दिवसीय वेबिनार के दूसरे दिन मुख्य अतिथि विचारक एवं पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहाकि अभी हमें काफी कुछ प्राप्त करना बाकी है। इसके लिए सबसे पहले सनातन संस्कृति को अपनाना होगा। भारत में सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों की वजह इतिहास से सबक नहीं लेना है। अब यह आवश्यक हो गया है कि भारत अपना इतिहास गणित और साहित्य ठीक करें।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 11:14 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 06:00 AM (IST)
कोविड-19 के बाद नई भूमिका में होगा भारत : कुलश्रेष्ठ
कोविड-19 के बाद नई भूमिका में होगा भारत : कुलश्रेष्ठ

अयोध्या : डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में राम नाम अवलंबन एक विषय पर आयोजित तीन दिवसीय वेबिनार के दूसरे दिन मुख्य अतिथि विचारक एवं पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहाकि अभी हमें काफी कुछ प्राप्त करना बाकी है। इसके लिए सबसे पहले सनातन संस्कृति को अपनाना होगा। भारत में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों की वजह इतिहास से सबक नहीं लेना है। अब यह आवश्यक हो गया है कि भारत अपना इतिहास, गणित और साहित्य ठीक करें। उन्होंने कहाकि कोरोना से सनातन संस्कृति मुक्ति दिला सकती है।

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कुलश्रेष्ठ ने कहाकि जिनका इतिहास ठीक नहीं होता उनका वर्तमान ठीक नहीं होता। हजारों हजार वर्ष पुरानी हमारी संस्कृति को झुठलाने का व्यापक प्रयत्न किया जा रहा है। उन्होंने कहाकि कोविड-19 के बाद भारत दुनिया में नई भूमिका निभाएगा। अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो.मनोज दीक्षित ने कहाकि कोविड-19 महामारी को अवसर के रूप में लेना है। इस महामारी ने लोगों की सोच को भी बदला है। दुनिया भी बदल रही है। उन्होंने कहाकि प्रभु राम के जीवन आदर्श और मूल्यों से भारतीय जनमानस सदैव ही प्रेरित होता है। विशिष्ट अतिथि शिवदुर्गा मंदिर सनीवेल कैलीफोर्निया के संस्थापक कृष्ण कुमार पांडेय ने कहाकि श्रीराम आदर्श मूल्यों के पोषक हैं। विश्वामित्र ने दुनिया से राक्षसों का संहार के लिए संकल्प लिया और प्रभु ने उनके इस संकल्प को पूरा किया। वेबिनार में बजरंगदल के पूर्व संयोजक प्रकाश शर्मा, प्रो. रमापति मिश्र, पारितोष त्रिपाठी, रमेश मिश्र, विनीत सिंह एवं संजीत पांडेय आदि थे।


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