After Ayodhya Verdict : राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष पद को लेकर संतों के बीच खींचतान, ऑडियो वायरल
After Ayodhya Verdict अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित होने जा रहे शासकीय न्यास पर दावेदारी को लेकर संतो के बीच खींचतान होने लगी है।
अयोध्या, जेएनएन। भगवान राम की नगरी अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ करने के साथ ही ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया है। अब ट्रस्ट के अध्यक्ष पद को लेकर यहां के संतों में जोरदार खींचतान होने लगी है। अब इनके बीच वाक युद्ध भी तेज हो गया है और सभी अपना दावा भी ठोंक रहे हैं। इसी दौरान गुरुवार को महंत नृत्य गोपाल दास पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में महंत परमहंसदास को हिरासत में लिया गया।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित होने जा रहे शासकीय न्यास पर दावेदारी को लेकर संतों के बीच खींचतान होने लगी है। फैसला आने के बाद से ही महंत नृत्य गोपाल दास जहां यह कह रहे हैं कि शासकीय न्यास की कोई जरूरत नहीं है, राम जन्मभूमि न्यास मंदिर निर्माण के लिए पर्याप्त है और इसे ही शासकीय न्यास के रूप में विस्तार देना चाहिए।
वहीं, गुरुवार को राम जन्मभूमि न्यास के सदस्य एवं पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती और तपस्वी जी की छावनी के महंत परमहंसदास का एक ऑडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वेदांती परमहंस दास से स्वयं को न्यास अध्यक्ष बनाने की आवाज उठाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इसी बातचीत में दोनों पक्षों की ओर से राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के बारे में अपमानजनक अंश भी शामिल हैं। जिसको लेकर काफी बवाल मचा है।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर सरकार की तरफ से बनाए जाने वाले ट्रस्ट को लेकर साधु-संतों में रार इस कदर मची है कि एक-दूसरे से हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग भी दिखाई जा रही है। अयोध्या में साधु-संत अपना दावा मजबूत करने के लिए सांठगांठ कर रहे हैं। यही नहीं साधु-संतों में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्रस्ट में शामिल करने को लेकर भी राय एक नहीं है। कुछ लोग ट्रस्ट में सीएम योगी आदित्यनाथ के पक्ष में हैं, जबकि कुछ लोग उनकी मुखालफत कर रहे हैं, क्योंकि वे दूसरे संप्रदाय से ताल्लुक रखते हैं।
अयोध्या में तपस्वी छावनी के परमहंस दास ने वीएचपी से जुड़े पूर्व सांसद रामविलास वेदांती से अपनी बातचीत की रिकॉर्डिंग गुरुवार को जारी की, जिससे जाहिर होता है कि वेदांती खुद ही ट्रस्ट का अध्यक्ष बनना चाहते हैं। इससे ऐसा लग रहा है कि अयोध्या के सारे साधु-संत एक-दूसरे का स्टिंग ऑपरेशन कर रहे हैं।
वेदांती और परमहंस के बीच हुई बातचीत वायरल
परमहंस दास ने राम विलास वेदांती से बातचीत की जो फोन रिकॉर्डिंग जारी की है। उसमें वेदांती खुद को ट्रस्ट का चेयरमैन बनवाने की बात कह रहे हैं। उस रिकॉर्डिंग में वेदांती कह रहे हैं- नहीं, आज से आप बोलना शुरू कीजिए कि चेयरमैन वेदांती जी को बनाया जाए। नहीं तो रामानंद संप्रदाय के किसी संत को बनाया जाए, लेकिन गोरखनाथ संप्रदाय का कोई व्यक्ति रामानंद संप्रदाय के मंदिर का चेयरमैन कैसे हो सकता है। बीच में परमहंस दास बिल्कुल...बिल्कुल कहते हुए वह भी वेदांती की बात पर सहमति भी जताते हैं।
रिकॉर्डिंग में आगे परमहंस दास कहते हैं, अब नृत्य गोपालदास जी का दिमाग खराब है तो क्या बताएं। बताइए? इसके बाद वेदांती कहते हैं, पागल है वो... गोपालदास पूरा पागल है। मरने वाला है। अब वो प्रस्ताव कर रहा है कि योगी आदित्यनाथ को बनाया जाए। कैसी बात करते हैं।
वेदांती बोले-न्यास अध्यक्ष को बनाया जाय शासकीय ट्रस्ट का अध्यक्ष
रामजन्म भूमि न्यास के सदस्य एवं पूर्व सांसद डॉ. राम विलासदास वेदांती ने न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास के ही नेतृत्व में राम लला के मंदिर निर्माण की वकालत की। उन्होंने कहा कि मंदिर की दावेदारी में संतों की अविस्मरणीय भूमिका है और इसके अग्रदूत महंत नृत्यगोपालदास जैसे शीर्ष धर्माचार्य हैं। डॉ. वेदांती ने यह भी कहा कि सारे भेदभाव भूलकर लोगों को मंदिर निर्माण की तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने संभावित शासकीय न्यास से भी उम्मीद जताई। वेदांती ने कहा कि इसके गठन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूमिका अहम होने वाली है, वे कोई ऐसा काम नहीं करेंगे जिससे राम मंदिर के लिए घर परिवार प्राण आदि न्योछावर करने वाले राम भक्तों और धर्माचार्यों की उपेक्षा हो। डॉ. वेदांती को भरोसा है कि शासकीय न्यास जल्दी ही गठन की प्रक्रिया में होगा और इसी के साथ ही राम मंदिर निर्माण की योजना भी सामने आने लगेगी।
उन्होंने जहां राम जन्मभूमि कार्यशाला में मंदिर के लिए तराशी जा रही शिलाओं और मंदिर के प्रस्तावित मॉडल के अनुरूप मंदिर निर्माण की वकालत की वहीं यह उम्मीद भी जताई कि रामलला का बनने वाला मंदिर दुनिया में भव्यतम होगा। आतिशी बयानों के लिए पहचाने जाने वाले डॉ. वेदांती फैसला आने के बाद से नरम पड़ गए हैं। उनका कहना है कि मस्जिद को लेकर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। हमारी शुरू से ही राम मंदिर को लेकर दावेदारी रही है, पर इसका यह मतलब नहीं है कि मैं मुस्लिमों का विरोधी हूं। सच तो यह है कि मुस्लिम उतने ही भारतीय हैं, जितना कि हिन्दू। फैसले को स्वीकार कर दूसरे समुदाय ने इस सच्चाई को अच्छी तरह से साबित किया है।
अपमानजनक टिप्पणी पर भड़के नृत्यगोपालदास के भक्त
रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष एवं मणिरामदासजी की छावनी के महंत नृत्यगोपालदास के प्रति अपमानजनक टिप्पणी से भड़के उनके दर्जन भर भक्तों ने दोपहर तपस्वीजी की छावनी के उत्तराधिकारी महंत परमहंसदास के कक्ष पर धावा बोल दिया। परमहंसदास की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े भक्त हमलावर भी दिखे। परमहंसदास ने स्वयं को अपने कक्ष में बंद रखा। कुछ देर में एडीएम सिटी डॉ. वैभव शर्मा, एसपी सिटी विजयपाल सिंह, सीओ सिटी अमर सिंह, कोतवाल सुरेश पांडेय, चौकी प्रभारी यशवंत द्विवेदी आदि के साथ बड़ी संख्या में पुलिस के जवान पहुंचे। इसके बावजूद नृत्यगोपालदास के भक्त अड़े रहे।
भक्तों के जत्थे की अगुआई कर रहे आनंददास शास्त्री ने कहा कि भले ही हम जान न्योछावर कर देंगे पर महंत नृत्यगोपालदास जैसे गुरु का अपमान नहीं सहेंगे। इसके बाद अधिकारियों की मान-मनौव्वल के बीच भक्तों ने परमहंसदास के कक्ष का दरवाजा तोड़ने की कोशिश की। पुलिस ने परमहंसदास को उत्तेजित भक्तों से किसी तरह बचाते हुए उनके कक्ष से निकाला और अपने साथ ले गई। सीओ अमर सिंह ने बताया कि बवाल बचाने के लिए परमहंसदास को सुरक्षित स्थान पर रखा गया है। इस बीच छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास ने कहा रामजन्मभूमि मुक्ति महोत्सव के बीच इस तरह की अनर्गल बयानबाजी करने वालों के विरुद्ध प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। देर शाम तक महंत नृत्यगोपाल दास के अनुयायियों की ओर से कोई तहरीर न मिलने पर पुलिस ने परमहंसदास को भी उनके आश्रम जाने दिया। परमहंसदास ने अपने को असुरक्षित बताते हुए अयोध्या से बाहर जाने की बात कही है। उन्हें पहले से ही सशस्त्र सुरक्षा प्रशासन की ओर से मिली हुई है।