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After Ayodhya Verdict : इकबाल अंसारी बोले- मैं पुनर्विचार याचिका नहीं डालूंगा, आस-पास ही बने मस्जिद

After Ayodhya Case Verdict फैसले की इस एतिहासिक कवायद में मुस्लिम पक्ष के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि पहले सरकार तय करे कि वो हमें जमीन कहां पर दे रही है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 02:16 PM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 01:29 PM (IST)
After Ayodhya Verdict : इकबाल अंसारी बोले- मैं पुनर्विचार याचिका नहीं डालूंगा, आस-पास ही बने मस्जिद
After Ayodhya Verdict : इकबाल अंसारी बोले- मैं पुनर्विचार याचिका नहीं डालूंगा, आस-पास ही बने मस्जिद

अयोध्या, जेएनएन। अयोध्या के निर्विवादित होने के बाद अब वहां पर माहौल बदल रहा है। अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले को लागू करने की कवायद शुरू हो गई है। हर पक्ष के लोग इसमें लग गए हैं।

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फैसले की इस एतिहासिक कवायद में मुस्लिम पक्ष के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि पहले सरकार तय करे कि वो हमें जमीन कहां पर दे रही है। जमीन मिलने के बाद हमारी कमेटी तय करेगी कि मस्जिद कैसे बननी है। हम चाहते हैं कि मस्जिद आस-पास ही बने। अयोध्या के फैसले पर असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर इकबाल अंसारी ने कहा कि हम खुद पक्षकार हैं। कोई क्या कह रहा है, हम सुनते भी नहीं हैं। मैं पुनर्विचार याचिका नहीं डालूंगा। एक फैसला आने में सत्तर वर्ष लग गए, जबकि सारे गवाह और सबूत हमने दिए। हम चाहेंगे कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारा बना रहे। राम मंदिर मामले में मुस्लिम पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमें मंजूर है। देशभर के लोगों को इसका स्वागत करना चाहिए।

बाबरी पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला किया है मैं उसका सम्मान कर रहा हूं। कोर्ट हमें पांच एकड़ की जमीन दी है वह तय करेगी कि हमें कहां जमीन देगी। उस जमीन का क्या करना है यह हम तय करेंगे, लेकिन हम ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे सौहार्द बिगड़े। उन्होंने कहा कि जमीन हम लेंगे और देश में अमन चैन कायम रहे ऐसा कार्य करेंगे।

हम सौहार्द बनाने का काम करते हैं, लेकिन कुछ लोग जरूर सौहार्द बिगाडऩे की कोशिश कर रहे हैं। इकबाल अंसारी के पिता हाशिम अंसारी ने 70 साल तक इस मामले में मुकदमा लड़ा और 3 साल पहले उनका निधन हो गया है। हाशिम अंसारी चाहते थे कि उनके रहते इस मामले का निपटारा हो जाए। अब उनके बेटे इकबाल अंसारी मानते हैं कि उनके पिता अगर आज जिंदा होते तो वो भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते। 


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