After Ayodhya verdict : शासकीय न्यास को लेकर निर्मोही अखाड़ा में छिड़ी अंतर्कलह, महंत दिनेंद्रदास की दावेदारी पर सवाल
अखाड़ा के श्रीमहंत राजेंद्रदास ने कहा अखाड़ा एक अखिल भारतीय संस्था है और इसमें लाखों लोग तथा हजारों शाखाएं हैं।
अयोध्या, जेेेेेएनएन। मंदिर निर्माण के लिए शासकीय न्यास में निर्मोही अखाड़ा की नुमाइंदगी सुनिश्चित करने का आदेश देकर सुप्रीमकोर्ट ने सदियों से मंदिर के लिए संघर्षरत विरक्त वैष्णवों की संस्था को कुछ हद तक मुस्कुराने का मौका दिया पर यह मौका, अखाड़ा के लिए अंतर्कलह का सबब बन गया है।
सोमवार को अखाड़ा से ही संबंधित पौराणिक महत्व की पीठ नाका हनुमानगढ़ी पहुंचे निर्मोही अनी अखाड़ा के अखिल भारतीय अध्यक्ष एवं श्रीमहंत राजेंद्रदास तथा अखाड़ा के मंत्री महंत रामजीदास ने शासकीय न्यास को लेकर अयोध्या स्थित निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्रदास और उनके सहयोगियों की दावेदारी पर सवाल खड़ा किया। कहा, अखाड़ा एक अखिल भारतीय संस्था है और इसमें लाखों लोग तथा हजारों शाखाएं हैं। ऐसे में स्वयं को निर्मोही अखाड़ा का नुमाइंदा मानकर शासकीय न्यास में शामिल होने की दावेदारी करना दिनेंद्रदास का अनर्गल प्रयास है।
अखाड़ा की दृष्टि से वे अधिक से अधिक अयोध्या स्थित एक मंदिर के महंत हैं और इस आधार पर वे अखाड़ा की नुमाइंदगी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, राममंदिर की लड़ाई किसी दिनेंद्रदास ने नहीं लड़ी बल्कि संपूर्ण निर्मोही अखाड़ा के साधु-संत उसके लिए प्रयास करते रहे और जिन रघुवरदास एवं रघुनाथदास ने मंदिर का मुकदमा दाखिल किया था, उनकी शिष्य परंपरा के लोग पूरे देश में हैं। इससे पूर्व नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास ने कहा, श्रीमहंत राजेंद्रदास अखाड़ा के सर्वोपरि महंत हैं और उनका कहना न्यायसंगत तथा प्रामाणिक है।
राजेंद्रदास स्वयं निष्कासित : प्रभात
निर्मोही अखाड़ा की स्थानीय इकाई के प्रवक्ता प्रभात सिंंह ने महंत राजेंद्रदास पर तीखा हमला बोला। कहा, वे स्वयं अखाड़ा से निष्कासित हैं और इस तरह की बात कर वे अखाड़ा की गरिमा गिराने का काम कर रहे हैं।
मोदी, योगी और शाह को लिखा पत्र
महंत राजेंद्रदास ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री एवं मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अखाड़ा की परंपरा का हवाला दिया है और मंदिर निर्माण के लिए शासकीय न्यास में अखाड़ा को नुमाइंदगी से न्याय की अपेक्षा जताई है। उन्होंने स्वयं के साथ अखाड़ा के मंत्री रामजीदास को न्यास में शामिल किए जाने की अपेक्षा जताई।