त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने का जिला प्रशासन ने खाका खींच लिया है। कई दिनों के लगातार होमवर्क के बाद निष्पक्ष व शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए 23 जोन एवं 178 सेक्टर बनाए गए हैं। 794 ग्राम पंचायतों के प्रधान पद के अलावा ग्राम पंचायत सदस्य के 10912 1004 क्षेत्र पंचायत सदस्य व सदस्य जिला पंचायत के 40 पदों के लिए मतदान होना है।
अयोध्या : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने का जिला प्रशासन ने खाका खींच लिया है। कई दिनों के लगातार होमवर्क के बाद निष्पक्ष व शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए 23 जोन एवं 178 सेक्टर बनाए गए हैं। 794 ग्राम पंचायतों के प्रधान पद के अलावा, ग्राम पंचायत सदस्य के 10,912, 1004 क्षेत्र पंचायत सदस्य व सदस्य जिला पंचायत के 40 पदों के लिए मतदान होना है। मतदान के लिए 891 मतदान केंद्र व 2710 मतदेय स्थल बने हैं। इनमें एक तिहाई मतदेय स्थल संवेदनशील, अतिसंवेदनशील व अतिसंवेदनशील प्लस के दायरे में बताये गए हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त मनोजकुमार ने बुधवार को पंचायत चुनाव के लिए वीडियोकांफ्रेंसिग की। लगभग एक घंटे चली आयोग की वीडियोकांफ्रेंसिग में कमिश्नर एमपी अग्रवाल, जिलाधिकारी अनुजकुमार झा, एडीएम सिटी डॉ. वैभव शर्मा के साथ सहायक निर्वाचन अधिकारी (पंचास्थानिक) एसबी यादव शामिल रहे। वीडियोकांफ्रेंसिग से लगभग साफ हो गया कि पंचायत चुनाव जिले का दो-तीन चरणों के बजाय एक ही चरण में होना है। आयोग को चुनावी तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई। बताया गया कि मतदान केंद्र से लेकर मतगणना स्थल तक को सूचीबद्ध किया जा चुका है। चुनाव की घोषणा के बाद सिर्फ यह देखना होगा जिस कॉलेज को मतगणना के लिए चिहित किया गया कहीं बोर्ड परीक्षा के लिए चयन तो नहीं है। ऐसा होने पर उसे परिवर्तित करना होगा। चुनाव ड्यूटी के लिए 20 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की डाटा फीडिग हो चुकी है। प्रशासनिक हल्के में ही नहीं ग्रामीण अंचलों में भी पंचायत चुनाव की हलचल तेज है। सभी की निगाह आरक्षण सूची के अनंतिम प्रकाशन पर है जिसका प्रकाशन दो व तीन मार्च को किया जाना है। 13 व 14 मार्च को आरक्षण सूची का अंतिम प्रकाशन तय है।
आरक्षण साफ होय देव, चुनाउवा लड़ा जाई
कुमारगंज (अयोध्या) : अभी तक सिर्फ जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की तस्वीर साफ है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अन्य पदों के लिए बिना आरक्षण की तस्वीर सामने न आने के बावजूद गांव की चौपालों में चुनावी चर्चा शुरू है। आरक्षण का अंतिम प्रकाशन न होने से दावेदारों में बेचैनी स्वाभाविक है। विकल्पों पर विचार करने के साथ ही संभावित दावेदार मतदाताओं को सहेजने में लगे हैं। मतदाताओं में आरक्षण की जिज्ञासा चरम पर है। बुधवार को अमानीगंज ब्लॉक मुख्यालय से थोड़ी दूरी पर बहादुरगंज चौराहे पर ग्राम प्रधान पद के संभावित दावेदार अपने समर्थकों के साथ चर्चाएं कर रहे थे। इसी बीच एक समर्थक ने पूंछ लिया कि ''अबही आरक्षण तय नाहीं भवा, प्रधानी कीका लड़ाई''। समर्थक की यह बात दावेदार को अखरी। बोले, ''आरक्षण साफ होय देव, चुनाउवा लड़ा जाई''। कटघरा के कुछ युवा बिना आरक्षण की फिक्र किए मतदाताओं को चुनाव लड़ने के लिए साधने में लगे हैं।
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