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पंपापुर में स्थापित होगी हनुमान जी की 215 मीटर ऊंची प्रतिमा

हनुमानजी की जन्म स्थली पंपापुर- किष्किधा (कर्नाटक) में हनुमान जी की 215 मीटर ऊंची प्रतिमा स्थापित की जायेगी। इसी के साथ हनुमान जी के भव्य मंदिर का निर्माण भी प्रस्तावित है। यह योजना हनुमत द जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 12:03 AM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 12:03 AM (IST)
पंपापुर में स्थापित होगी हनुमान जी की 215 मीटर ऊंची प्रतिमा
पंपापुर में स्थापित होगी हनुमान जी की 215 मीटर ऊंची प्रतिमा

अयोध्या : हनुमानजी की जन्म स्थली पंपापुर- किष्किधा (कर्नाटक) में हनुमान जी की 215 मीटर ऊंची प्रतिमा स्थापित की जायेगी। इसी के साथ हनुमान जी के भव्य मंदिर का निर्माण भी प्रस्तावित है। यह योजना हनुमत द जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की है। ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी गोविद आनंद सरस्वती ने प्रस्तावित योजना के बारे में मीडिया को विस्तार से जानकारी दी। वे रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्रदास के आवास पर मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने बताया कि हनुमान जी की विशालतम प्रतिमा और भव्य मंदिर के लिए हनुमत द जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से देश भर में रथ यात्रा निकालकर चंदा एकत्रित किया जायेगा। स्वामी गोविद आनंद के अनुसार 215 मीटर ऊंची प्रस्तावित प्रतिमा की अनुमानित लागत 12 सौ करोड़ रुपये आंकी जा रही है। उन्होंने बताया कि हनुमत द जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट राममंदिर निर्माण के लिए गठित श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को 80 फीट ऊंचा भव्य रथ दान करेगा। यह रथ दो साल में तैयार होगा और इसकी अनुमानित लागत दो करोड़ रुपये होगी। इस मौके पर रामलला के अर्चक प्रदीपदास सहित कुछ और संत-महंत मौजूद रहे।

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वैदिक मंत्रों से दीपावली पर्व पर दी गई विशेष आहुति

रुदौली : दीपावली पर्व पर आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती का निर्वाण दिवस आर्य समाज मंदिर में मनाया गया। वैदिक मंत्रों से दीपावली पर्व पर विशेष आहुति दी गयी। मंत्री सतींद्र प्रकाश शास्त्री ने कहा कि स्वामी जी का संपूर्ण समाज सदैव ऋणी रहेगा। उन्होंने सभी को वेद पढ़ने का अधिकार दिला कर वंचित वर्ग व महिलाओं के उद्धार का महान कार्य किया था। दीपावली के दिन अपने शरीर को त्याग दिया था। उप प्रधान राम शंकर यादव ने सभी को दीपावली पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि स्वामी जी ने हमेशा, पाखंड कुरीतियों के खिलाफ खड़े होकर वेद मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उपस्थित लोगों में प्रेम हरि आर्य, बृजेश कुमार धवन, हरि शंकर, शचींद्र देव आर्य, राजकुमार गुप्त, पंकज कुमार, तिलकराम, रमेश विश्वकर्मा, सलिल प्रकाश, सुशांत सहित गणमान्य लोग उपस्थित थे।


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