पीएम की अगवानी में खर्च 16 करोड़ का भुगतान भी लटका
सीएम योगी आदित्यनाथ की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली रामनगरी में विकास कार्यों को रफ्तार देने वाले ही आज दर-दर भटक रहे हैं। श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन करने रामनगरी आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी के लिए रामनगरी को दिन-रात चमकाया गया लेकिन अभी तक इन कार्यों को पूरा करने वालों को भुगतान नहीं किया गया।
अयोध्या: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली रामनगरी में विकास कार्यों को रफ्तार देने वाले ही आज दर-दर भटक रहे हैं। श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन करने रामनगरी आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी के लिए रामनगरी को दिन-रात चमकाया गया, लेकिन अभी तक इन कार्यों को पूरा करने वालों को भुगतान नहीं किया गया। अलग-अलग मद में कराए गये कार्यों के कुल 16 करोड़ रुपये का निगम आज भी देनदार है। चाहे वह दीनदयाल योजना का कार्य हो या फिर प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर हुए कार्य, ठेकेदारों को बजट का सब्जबाग दिखा कर निगम प्रशासन ने उनसे कार्य कराया। ठेकेदारों ने जिम्मेदारों पर भरोसा करते हुए पूरे मनोयोग से कार्य समय से पूर्ण कर दिए लेकिन निगम इनका भुगतान नहीं कर रहा है। इसे लेकर ठेकेदारों में आक्रोश है। नगर निगम के प्रति निराशा का भाव है। भुगतान को लेकर लिखित रूप से आवाज उठाई, लेकिन उसे भी अनसुना कर दिया गया। गत पांच अगस्त को हुए भूमि पूजन कार्यक्रम में वॉल पेंटिग के साथ मुख्य मार्ग के भवनों को एक रंग में रंगने सहित निर्माण व अनुरक्षण से जुड़े कार्य कराए गए। इन पर 75 लाख रुपये व्यय हुए। छह माह बीतने को है, लेकिन अभी तक इसका भुगतान नहीं हुआ है।
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टेंडर के बाद हुआ कार्य, पर लटका भुगतान
अयोध्या: दीनदयाल योजना के तहत दिसंबर 2019 में नौ करोड़ रुपए का टेंडर हुआ था। इसमें शासन ने पहली किस्त तकरीबन चार करोड़ 63 लाख रुपए भेजी गई। पर इसे निगम के सक्षम अधिकारियों ने ट्रेजरी से निगम खाते में स्थानांतरित ही नहीं कराया। मार्च में धनराशि वापस चली गई। इस लापरवाही का खामियाजा ठेकेदार आज तक भुगत रहे हैं। ठेकेदार जिम्मेदारों का दरवाजा खटखटा चुके हैं लेकिन भुगतान नहीं हो सका। इस योजना में दस ठेकेदारों का एक करोड़ 91 लाख रुपये बकाया है।
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फोन उठा पर नहीं हो सकी बात
अयोध्या: नगर निगम के आयुक्त विशाल सिंह से इस संदर्भ में बात करने का प्रयास किया गया। मोबाइल पर उनसे बात नहीं हो सकी। मोबाइल उठाने वाले व्यक्ति ने बताया कि साहब बैठक में हैं अभी बात नहीं हो सकती। अन्य जिम्मेदार भी बात करने से आनाकानी करते रहे।